मीरपुर बक्शीवाला पुल का काम लटका, कई गांवों का संपर्क टूटा, बिना परमिशन काम शुरू किया। खोजी/नीलम कौर कालका/पिंजौर। पहली बात तो सरकार विकास के मामले में सौतेला व्यवहार कर रही है, यदि मुख्यमंत्
ी कोई घोषणा कर देते है तो फिर अधिकारी और ठेकेदार योजनाओं को लटका कर लोगों को परेशान करते हैं। उक्त आरोप कालका विधानसभा से कांग्रेस पार्टी के विधायक प्रदीप चौधरी ने लगाए और कहा कि लोगों की शिकायतें आ रही है की वो बहुत दुखी है। उधर गांव के निवर्तमान सरपंच हरदेव सचदेवा और पूर्व जिला परिषद मेंबर बाल कृष्ण ने बताया कि पुल के निर्माण को लेकर सीएम विंडो भी लगाई गई। लेकिन सीएम विंडो का भी जवाब नहीं दिया गया। बल्कि उल्टा दबाव बना रहे हैं कि सीएम विंडो की शिकायत वापिस लो। इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए क्योंकि लोगों की दिक्कत का मामला है। लोग बहुत ज्यादा परेशान है, बरसात से तो और भी ज्यादा दिक्कत बढ़ गई है। विधायक प्रदीप चौधरी ने कहा कि मीरपुर बक्शीवाला में एक पुल बनना था जिसकी मुख्यमंत्री ने 2 साल पहले घोषणा की थी। पहले ठेकेदार ने बिना परमिशन के दिसंबर में थोड़ा सा काम शुरू किया तो उसके बाद फॉरेस्ट ने काम रोक दिया। उसके बाद न तो ठेकेदार ने लोगों की आवाजाही के लिए स्लिप रोड बनाया ओर न ही अब काम शुरू कर रहा है। बल्कि एक ही बहाना लगा रहा है कि फॉरेस्ट की परमिशन मिल नहीं रही। जबकि ठेकेदार ने पेड़ों को नुकसान पहुंचाया जिसके बाद ठेकेदार को जुर्माना हुआ और जुर्माना नही भरने से परमिशन लटकी हुई है। जिसकी वजह से पुल का काम लटका हुआ है। विधायक चौधरी ने कहा कि बरसात के बाद नदी में काफी पानी आया और कई गांव का संपर्क टूट गया और लोग आवाजाही से परेशान है। यहां तक की स्कूल कॉलेज और आईटीआई में पढ़ने वाले बच्चों के अलावा नौकरीपेशा लोग बहुत ज्यादा दिक्कतें झेल रहे हैं। लेकिन अधिकारियों और ठेकेदारों की ऐसी मिलीभगत है कि वह सरकार की योजनाओं को भी बौना साबित कर रहे हैं।
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