नई दिल्ली, दुनियाभर में 6 मई को अंतर्राष्ट्रीय नो डाइट डे मनाया जाता है। जिसका मकसद लोगों तक यह बात पहुंचाना है कि अपनी बॉडी से प्यार करें, उसे स्वीकारें, न कि दूसरों के जैसा बनने की चाह में डाइट
ंग का ऑप्शन चुनकर खुद को प्रताड़ित करें। फिट रहना बहुत जरूरी है ये बात कोविड के बाद और अच्छी तरह से समझ आ गई लेकिन इसके लिए खाना-पीना छोड़ना कहीं से भी सही चीज़ नहीं। हेल्दी खाएं और मस्त रहें। तो आइए जानते हैं इस दिन की शुरुआत कहां से और कैसे हुई थी। कैसे हुई थी इस दिन की शुरुआत? इस दिन की शुरुआत सबसे पहले 1992 में ब्रिटिश की महिला मैरी इवांस द्वारा की गई थी। इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य दुनिया भर के महिलाओं और पुरुषों को अच्छे स्वास्थ्य के बारे में बताना और जागरूक करना था फिर चाहे आप मोटे हों या पतले। इसके साथ ही जिन लोगों का वजन हद से ज्यादा है और वो इसके आसान उपाय डायटिंग सोचते हैं, उन्हें इससे होने वाले नुकसान से वाकिफ कराना था। डाइटिंग से होने वाली हेल्थ प्रॉब्लम्स - लो ब्लड प्रेशर - हार्ट से जुड़ी बीमारियां - टाइप-2 डायबिटीज़ - ओस्टियोपोरोसिस - डिप्रेशन ऐसे कर सकते हैं इस दिन को सेलिब्रेट - अपना मनपसंद खाना बनाकर और खाकर इस दिन को सेलिब्रेट करें। - अगर आपने बिना डाइटिंग किए दूसरी एक्टिविटीज़ से खुद को फिट किया हुआ है तो इस अनुभव को दूसरों से भी साझा करें, जिससे वो भी डाइटिंग के फेर में न पड़े। - डाइटिंग से होने वाले नुकसान के बारे में जानें और समझने की कोशिश करें। - जैसी भी हो अपनी बॉडी को स्वीकारें और समझने की कोशिश करें कि क्या चीज़ें खाना हेल्दी है और क्या अनहेल्दी। - बॉडी शेप और साइज़ को लेकर हर वक्त टेंशन में रहने की आदत छोड़ दें। एक्टिव रहने की कोशिश करें और दिन में खाए जाने वाले फूड आइटम्स पर नजर रखें।
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