नई दिल्ली, ईद-उल-फित्र का त्योहार इस साल भारत में 3 मई को मनाया जाएगा। जो लोग नहीं जानते उनके बता दें कि एक महीने रमज़ान मनाने के बाद आखिर में ईद का त्योहार मनाया जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि मुस्
िम समुदाय रमज़ान के पाक महीने में रोज़ा रखते हैं, और उसके ख़त्म होने पर ईद मनाई जाती है। यह एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है, जो इस्लामी कैलेंडर (हिजरी) के अनुसार दसवां महीना है। दुनियाभर में मुस्लिम समुदाय के लिए यह एक बड़ा त्योहार होता है, जिसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। ईद-उल-फितर का जश्न चांद दिखने से शुरू होता है। लोग घरों में इस त्योहार के जश्न में दावतें रखते हैं। ईद उल-फितर महीने भर रमज़ान (उपवास) रखने के बाद इसे ख़त्म करने का प्रतीक माना है, जिसे तीन दिनों तक मनाया जाता है। इस शुभ दिन पर, लोग सुबह जल्दी उठते हैं, नमाज़ (सलात उल-फ़ज्र) पढ़ते हैं, नहाते हैं और नए कपड़े पहनते हैं और इत्र लगाते हैं। इस्लाम को फॉलो करने वाले लोग इसके बाद नाश्ता करते हैं और फिर अल्लाह का शुक्र अदा करने के लिए मस्जिद जाकर ख़ास सामूहिक नमाज़ पढ़ते हैं। ईद उल फितर को मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सेवियां, फ़िरनी और खीर बनाई जाती है। बच्चों के लिए ईद को ख़ास बनाने के लिए उनको ईदी (दोहफा या पैसे) दिए जाते हैं। इस मौके पर महिलाएं और लड़कियां अपने हाथों और पैरों पर महेंदी भी लगाती हैं।
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