हथीन/माथुर : सरकारी स्कूल में पढने वाले विद्यार्थियों को जनवरी माह में ऑनलाइन परीक्षा देनी होगी। ज्यादातर बच्चों के पास पढने के लिए स्मार्ट फोन तक नहीं है। ऐसे में वह कैसे परीक्षा दे पाएंगे।
यह बडा सवाल है ? सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा में पढने वाले विद्यार्थियों का मासिक मूल्यांकन परीक्षा होगी। उल्लेखनीय है कि यह परीक्षा अवसर एप्प के माध्यम से होगी। शिक्षा निदेशक ने ही एप्प के जरिए परीक्षा करवाने के आदेश जारी किए हैं। इन सभी कक्षाओं में पढने वाले ज्यादातर विद्यार्थियों का अवसर एप्प पर रजिस्ट्रेशन भी कर दिया गया है। ऐसे में अब देखना होगा कि इन परीक्षाओं में कितने विद्यार्थी परीक्षा दे पाते हैं या नहीं। लेकिन उपस्थिति ज्यादा रहने की संभावना नहीं है। हालांकि अभी तक परीक्षा की तारीख निर्धारित नहीं की गई है। एक शिक्षक ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान परिजनों का फोन घर पर ही रहता था। ऐसे में विद्यार्थी समय पर पढाई कर लेते थे। लेकिन अनलॉक होते ही परिजन फोन लेकर काम पर चले जाते हैं। ऐसे में विद्यार्थियों को फोन पूरे दिन नहीं मिल पाता है। एक घर में पढाई वाले दो से तीन बच्चे हैं। घर में एक ही स्मार्ट फोन है। ऐसे में एक साथ कैसे सभी बच्चे परीक्षा दे पाएंगे। ऑनलाइन परीक्षा देने के विद्यार्थियों की काफी कम संख्या रहेगी। वहीं उन्होंने बताया कि वह रोजाना पढने के लिए सामग्री भेजते हैंं। लेकिन बच्चे पढाई नहीं कर पाते हैं। क्योंकि उनके परिजन इंटरनेट का रिचार्ज भी नहीं करवा पाते। ऑनलाईन परीक्षा करवाना बेहतर विकल्प है। लेकिन ज्यादातर विद्यार्थियों के पास दिन में फोन नहीं होता। ऐसे में वह कैसे परीक्षा दे सकते हैं। परीक्षा से पहले यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि सभी विद्यार्थी परीक्षा दें। उसके लिए विभाग को व्यवस्था करनी होगी। जिला शिक्षा अधिकारी अशोक बघेल ने बताया कि चुनौती भरा तो है परंतु मूल्यांकन भी जरूरी है। अभिभावकों को संसाधन शेयर करने चाहिए।
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