सोहना बाबू सिंगला सोहना कस्बे में सफाई व्यवस्था फेल होकर रह गई है। जगह जगह गन्दगी के ढेर भयंकर बीमारी को आमंत्रित कर रहे हैं। विभाग के कर्मचारी सुपरमैनों की सेवा में तैनात हैं। जबकि परिषद सफ
ई व्यवस्था पर लाखों रुपये प्रति माह खर्च कर रहा है। परिषद अधिकारियों ने आज तक भी सफाई व्यवस्था का निरीक्षण नहीं किया है। वहीं नागरिकों का आरोप है कि सभी प्रकार के टैक्सों का भुगतान करने के बाद भी उनको सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। सोहना नगरपरिषद विभाग अपनी नाकामियों के लिए हमेशा से ही चर्चित है। विभाग द्वारा सफाई व्यवस्था पर लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी जीरो है। कस्बे में नालियां गन्दगी से अटी पड़ी हैं। जगह जगह गन्दगी के ढेर लगे हुए हैं। जिनपर हर समय मक्खियाँ भिनभिनाती रहती हैं। जिससे बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। हैरत की बात है कि विभाग के करीब 3 दर्जन सफाई कर्मचारी सुपरमैनों पर तैनात हैं। जिनका वेतन परिषद देती है। जिससे सरकारी धन का जमकर दुरुपयोग किया जाता है। विभाग में कुल 185 सफाई कर्मचारियों पर सफाई का जिम्मा है। जिनमें 10 कर्मचारी स्थायी, 122 कर्मचारी रोल पर व 53 कर्मचारी अस्थाई रूप से तैनात हैं। जिनपर परिषद लाखों रुपये वेतन का भुगतान कर रही है। इसके अलावा डोर टू डोर योजना पर भी प्रति माह लाखों रुपए खर्च किया जा रहा है। किन्तु इसके विपरीत सफाई का नामों निशान तक नहीं है। विभाग के करीब तीन दर्जन सफाई कर्मचारी सुपरमैनों के घर व आफिस पर नियुक्त हैं। जिनका वेतन भी परिषद वहन कर रही है। आफिस राजनीति का अड्डा नगरपरिषद कार्यालय में सफाई कर्मचारी यूनियन का कार्यालय स्थापित कर डाला है। जिसमें कर्मचारी राजनीतिक जुमलेबाजी में लगे रहते हैं। खबर है कि कई यूनियन के कर्मचारी तो सफाई कार्य तक भी नहीं करते हैं। जबकि उनके वेतन प्रति माह दिया जा रहा है। परिषद अधिकारी सब कुछ देख कर भी अनदेखा कर रहे हैं। जिन्होंने आज तक भी कोई कार्यवाही नहीं की है। क्या कहते हैं नागरिक सोहना के जागरूक नागरिक योगी समाज प्रधान सुरेंदर योगी, व्यापार मंडल प्रधान अशोक गर्ग, सर्राफा यूनियन पूर्व प्रधान अशोक वर्मा, एडवोकेट मनोज गोयल, समाजसेवी आनंद गर्ग, नवीन गोयल, समाजसेवी लाला ताराचंद आदि ने सफाई व्यवस्था दुरुस्त करा कर निष्क्रिय सफाई कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने को कहा है। ताकि सरकार के कोष का दुरुपयोग न हो सके। क्या कहते हैं सेनेटरी इंस्पेक्टर परिषद के सेनेटरी इंस्पेक्टर सतेंद्र यादव बताते हैं कि सफाई व्यवस्था ठीक है। सभी कर्मचारी अपने कार्य को भली प्रकार कर रहे हैं। जबकि असलियत इससे परे है।
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