सोहना बाबू सिंगला सोहना कस्बे में बिजली व्यवस्था पूर्ण रूप से फेल होकर रह गई है। नागरिकों में बिजली आपूर्ति नियमित न होने से हाहाकार मचा हुआ है। लोग बिजली न होने से रात में सोते कम जागते ज्या
ा हैं। नागरिकों को अघोषित कटों का सामना करना पड़ रहा है। कस्बे में बिजली मात्र चन्द घण्टे ही उपलब्ध हो रही है। वहीं दूसरी ओर विभाग के कर्मचारी अपनी मनमानी पर तुले हुए हैं। जो फाल्ट होने के बाद भी ठीक करने में गुरेज करते हैं। एक फोरमैन तो रात्रि डयूटी होने पर सरकारी फोन तक नहीं उठाता है जिससे कर्मचारी भी नाराज हैं। एक ओर जहाँ सरकार उपभोक्ताओं को 24 घण्टे बिजली आपूर्ति किये जाने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर सोहना कस्बे में मात्र चन्द घण्टे ही बिजली मिल रही है। लोग बिजली न मिलने से परेशान हैं। बिजली के आने व जाने का कोई भी समय निश्चित नहीं है। विभाग जमकर अघोषित कट लगा रहा है। बिजली के न होने से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त होकर रह गया है । जिसके कारण पानी आपूर्ति भी फेल होकर रह गई है। लोगों को पानी भी खरीद कर पीना पड़ रहा है। कर्मचारी कर रहे मनमानी कस्बे में बिजली फाल्ट को कई कई घण्टे तक ठीक नहीं किया जाता है। कर्मचारी अपने दफ्तर में सोते रहते हैं या फिर गप्पें हांकते रहते हैं। रात्रि के समय तो ओर भी बुरा हाल है। कर्मचारी सरकारी फोन तक नहीं उठाते हैं। एक फोरमैन तो अपनी ड्यूटी को कुछ नहीं समझता है। जो रात्रि में मात्र सोने के लिए ही आता है। जिससे नागरिक ही नहीं अपितु कर्मचारी भी दुखी हैं। उक्त फोरमैन लोगों से अभद्र व्यवहार करने से भी नहीं चूकता है। कटों का समय नहीं निश्चित शहरी क्षेत्र में बिजली के अघोषित कटों का कोई भी समय निश्चित नहीं है। इसके अलावा बिजली मंदी तेज होने से काफी संख्या में लोगों के बिजली उपकरण भी जलने की खबर है। कर्मचारी अपनी ड्यूटी को कम यूनियन बाजी को ज्यादा अहमियत देते हैं। क्या कहते हैं नागरिक कस्बे के प्रबुद्ध नागरिक पहलवान सतबीर खटाना, एडवोकेट मनोज गोयल, एडवोकेट लवली अग्रवाल, पूर्व पार्षद डॉक्टर सतीश तंवर, सर्राफा यूनियन पूर्व प्रधान अशोक वर्मा, समाजसेवी लाला ताराचंद, शिव कुंड प्रधान अनुराग राणा आदि ने कस्बे में बिजली आपूर्ति नियमित किये जाने को कहा है। लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर कर्मचारियों ने अपना रवैया नहीं सुधारा तो प्रदर्शन करके अधिकारियों का घेराव किया जाएगा।
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