तावडू, 21 अप्रैल (दिनेश कुमार): शहर व क्षेत्र में हिंद की चादर गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाशोत्सव श्रद्धा व हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। प्रकाशोत्सव पर पानीपत में आयोजित होने वाले राज्य स्तर
य समारोह में सैकडों लोग भाग लेंगे। जिसकी तैयारियों को लेकर धार्मिक व सामाजिक संगठनों के साथ-साथ राजनैतिक संगठन भी तैयारियों में जुटे हैं। शहर के मुख्य बाजार में स्थित गुरूद्वारे के पाठी ज्ञानी गुरमीत सिंह ने कहा कि प्रकाशोत्सव को मनाना न केवल सिख समाज ही नहीं बल्कि समस्त हिंदुस्तान वासियों के लिए गर्व का विषय है। भारत की भूमि पर जब-जब आसुरी शक्तियों का प्रभाव बढ़ा है। तब-तब इस धरा पर शूरवीरों ने अवतरित होकर उनका संहार करने का काम किया है । धर्म और राष्ट्र की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। वीर गुरु तेग बहादुर का नाम भी ऐसे ही महापुरुषों में शुमार है। जिन्होंने हिंद के निवासियों की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया। वहीं पंजाबी समाज के प्रधान प्रमोद आहुजा ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा मनाया जाने वाला यह उत्सव पूरी तरह गैर राजनीतिक होगा। इस भव्य कार्यक्रम को किए जाने का उद्देश्य यही है कि गुरुओं की महिमा का संदेश दुनिया भर में पहुंचे। बच्चों को हमारे इतिहास की सही सही जानकारी मिले। गुरूद्वारा सिंह सभा प्रधान मदनलाल मैहंदीरत्ता ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी की सोच थी कि हर व्यक्ति को अपने धर्म निर्वहन की स्वतंत्रता रहनी चाहिए। उनकी सोच थी कि धर्म और राष्ट्र पर संकट हो तो इसकी रक्षा के लिए जीवन को बलिदान करने में देर नहीं करनी चाहिए। औरंगजेब के आदेश से भाई मतिदास को आरे से काट दिया गया। भाई सती दास को रुई में लपेट कर जला दिया गया। भाई दयाल दास को उबलते तेल की कढाई में डाल दिया गया। लेकिन इतनी यातनाओं के बाद भी हमारे महापुरुष धर्म के मार्ग पर डटे रहे। ऐसे महापुरूषों के बलिदान को दुनिया याद रखेगी। क्षेत्र के सामाजिक व धार्मिक संगठनों से जुडे लोगों ने कहा कि हिंद की चादर गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाशोत्सव श्रद्धा व हर्षोल्लास से मनाया जाएगा और पानीपत में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में तावडू क्षेत्र से भारी संख्या में लोग भाग लेंगे।
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