नगर परिषद की कार्यप्रणाली से आम जनता परेशान, लोग बार-बार कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर।

Khoji NCR
2022-04-20 10:16:49

खोजी/नीलम कौर कालका। प्रदेश में सरकारी विभागों की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। लोगों को मजबूरन दफ्तरों के बार-बार चक्कर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला

कालका स्थित बसंत विहार में देखने को मिला है। बसंत विहार निवासी राम सूरत ने बताया कि उसने अपने मकान का निर्माण करने के मकसद से मकान का नक्शा पास करवाते समय दिनांक 07-03-2012 को रुपये 9940/- (रुपये नो हजार नो सो चालीस) नगर पालिका कालका में जमा करवाये थे, जिसमें रुपये 7250/- डिवेलपमेंट चार्जिज भी थे, जिसका रसीद संख्या 443 है। राम सूरत ने बताया कि वह अपना मकान जोकि उनकी धर्मपत्नी मीरा वर्मा के नाम पर है, को बेचने के उद्देश्य से उसने "नो ड्यू सर्टिफिकेट" नगर परिषद कालका से निकलवाया तो उसमें भी डिवेलपमेंट चार्जिज के एवज में रुपये 6074.40 जमा करवाने के लिए दर्शाये हुए थे। राम सूरत यह देख कर हैरान रह गया कि मार्च 2012 को कार्यालय में डिवेलपमेंट चार्जिज जमा करवाने के बावजूद भी दोबारा से डिवेलपमेंट चार्जिज जमा करवाने की मांग की गई। राम सूरत ने बताया कि "नो ड्यू सर्टिफिकेट" पर दर्शाई हुई राशि को देखकर उसने दिनांक 11-04-2022 को रुपये 6075/- (रुपये छह हजार पछत्तर ) भी डिवेलपमेंट चार्जिज की एवज में कार्यालय में जमा करवा दिये, जिसका बुक नंम्बर WS सीरियल नंम्बर 14 है, जिससे वह मकान की रजिस्ट्री करवा सके। राम सूरत ने नगर परिषद पर आरोप लगाते हुए कहा है कि दो बार डिवेलपमेंट चार्जिज जमा करवाने के बावजूद भी उसे नो ड्यू सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया है, जिस वजह से उसके मकान की रजिस्ट्री भी नहीं बन पाई है। उसे कार्यालय के बार-बार चक्कर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। राम सूरत की नगर परिषद कालका के कार्यकारी अधिकारी से अनुरोध है कि दूसरी बार जमा करवाये गए रुपये 6075/- (रुपये छह हजार पछत्तर ) उसे वापस किये जाएं और दिनांक 07-03-2012 को डिवेलपमेंट चार्जिज के एवज में ज्यादा जमा करवाये गए रुपये 1175/- (रुपये एक हजार एक सो पछत्तर) भी उसे लौटाए जाएं तथा उसे नो ड्यू सर्टिफिकेट इशू किया जाए। उधर शिव कालोनी पिंजौर निवासी सुशील कुमार ने नगर परिषद के कर्मचारियों पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसके मकान की यूआईडी नंम्बर अपडेट करवाने के नाम पर विभाग के ही मनीष कुमार ने रुपये दो हजार की मांग की थी। उसने बताया कि रुपये 2000/- (रुपये दो हजार) देने के बावजूद भी मकान का यूआईडी नंम्बर अपडेट नहीं हो पाया है। वह भी बार-बार कार्यालय के चक्कर लगा रहा है। जब मनीष को फोन करता है तो वह फोन ही नहीं उठाता है। इस सम्बंध में संवाददाता ने नगर परिषद कालका में जाकर बातचीत करनी चाही तो कोई भी वरिष्ठ अधिकारी कार्यालय में उपस्थित नहीं था, ना तो एक्सियन ओर ना ही कार्यकारी अधिकारी मौजूद थे।

Comments


Upcoming News