दर्जनों समर्थकों के साथ हुए जजपा में शामिल। पुन्हाना, कृष्ण आर्य पुन्हाना की राजनीति में आज तड़के उस समय बड़ा उलटफेर हुआ। जब पुन्हाना से मौजूदा कांग्रेस विधायक मोहम्मद इलियास के बड़े बेटे
उनके राजनैतिक उत्तराधिकारी एडवोकेट जावेद खान ने कांग्रेस छोड़कर जेजेपी का दामन थाम लिया। जावेद खान ने अपने दर्जनों समर्थकों के साथ दिल्ली जे जे पी कार्यालय में दुष्यंत चौटाला की अगुवाई में जेजेपी की सदस्यता ली। जावेद खान के इस राजनैतिक फैसले को राजनेतिक लोग जहां इसे दोनों हाथों में लड्डू रखना बता रहे हैं, वही हल्का बदलने को लेकर कुछ लोग इसे बाप-बेटे की तकरार भी बता रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ दिनों से इलाके में जावेद खान के कांग्रेस छोड़कर जेजेपी ज्वाइन करने की चर्चाएं जोर शोर से चल रही थी। जिन पर विराम लगाते हुए आज जावेद खान एडवोकेट सुबह सवेरे अपने साथियों के साथ प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व जेजेपी सुप्रीमो दुष्यंत चौटाला के कार्यालय पार्टी ज्वाइन करने जा पहुंचे। स्वयं उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने जावेद खान एडवोकेट को पार्टी का झंडा देकर उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलवाई। वही जावेद खान ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि पार्टी उन्हें अगर टिकट देती है तो वे चुनाव लड़ने से पीछे नहीं हटेंगे। लगातार रहे विपक्ष में अब लेंगे सत्ता का स्वाद:- जावेद खान अपने पिता मोहम्मद इलयास के साथ 18 सालो से लगातार विपक्ष में बैठते आ रहे थे। परंतु अब जेजेपी ज्वाइन करने के बाद जावेद खान दुष्यंत चौटाला के सहारे अब सत्ता का स्वाद ले सकेंगे। जेलदार को लगा जोर का झटका धीरे से:- जावेद खान के जेजेपी ज्वाइन करने के बाद सबसे बड़ा झटका वर्तमान जेजेपी जिला अध्यक्ष इकबाल जैलदार को लगा है। इकबाल जैलदार ने पिछला चुनाव जेजेपी की टिकट पर लड़ा था और जावेद खान के पिता मोहम्मद इलियास ने कांग्रेस के टिकट पर। जिसमें मोहम्मद इलियास विजय हुए थे। अबकी बार जेलदार जेजेपी की टिकट पर पुन्हाना से एकमात्र और तगड़े उम्मीदवार थे। परंतु जावेद खान के पार्टी में आने से इकबाल जैलदार की उम्मीदों को झटका लगा है। अब उन्हें जेजेपी का टिकट पाने के लिए जावेद खान के साथ तगड़ा संघर्ष करना पड़ सकता है। पिता कांग्रेस में व बेटा जेजेपी में:- जावेद खान के पिता मोहम्मद इलियास कांग्रेस के टिकट से पुन्हाना से विधायक हैं। और जावेद खान ने कांग्रेस छोड़कर जेजेपी ज्वाइन की है। ऐसे में पिता-पुत्र की अलग- अलग पार्टियों में रहकर आगे की राजनीति क्या होगी, यह समय बतायेगा।
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