होडल, डोरीलाल गोला गांव भिडूकी के तालाब दुल्हैनी पर डूबकर हुई चार बच्चों की मौत के बाद से गांव में मातम छाया हुआ है। गांव के तालाब में डूबकर हुई चार बच्चों की मौत की खबर जैसे-जैसे लोगों को मिल र
ी है वैसे ही लोग बच्चों के परिजनों को सांत्वना देने के लिए उनके निवास पर पहुंच रहे हैं। मरने वाले चारों बच्चों में दो सगे भाई तथा दो चचेरे भाई थे। मरने वाले सभी बच्चे स्कूली छात्र थे। गांव में हुई इतनी बडी घटना के बाद से बच्चों के परिजन सहित गांव के लोग भी सदमे में हैं। ग्रामीण व परिजन बच्चों के मरने का कारण तालाब में क्षमता से अधिक पानी भरा होना बता रहे हैं। शुक्रवार को दुल्हैनी पर होली खेलने के बाद गांव के सिद्ध बाबा मंदिर के कुंड में नहाने गए चार बच्चों की कुंड में डूबने से मौत हो गई थी। जिन बच्चों की तालाब में डूबने से हुई मौत उनमें गांव भिडूकी निवासी जगदीश के दोनों पुत्र 14 वर्षीय हर्षित व साढे बारह वर्षीय नमन थे जबकि गांव निवासी मनोज का 15 वर्षीय पुत्र नितिन व उसके भाई सुभाष का 16 वर्षीय पुत्र राज था। गांव में चार बच्चों की तालाब में हुई मौत के बाद गांव में मातम छा गया। आसपास क्षेत्र में चार बच्चों की तालाब में डूबने से हुई मौत ही सूचना आग की तरह फैल गई और लोग बच्चों के परिजनों को सांत्वना देने के लिए उनके निवास पर पहुंच गए। विलाप में डूबे मृतक हर्षित व नमन के पिता जगदीश ने बताया कि उनके दो ही पुत्र थे और उन्हें भी भगवान ने छीन लिया। उन्होंने बताया कि हर्षित आठवीं कक्षा में तथा नमन सातवीं कक्षा में पढता था। उन्होंने बताया कि उनके दोनों बच्चे जहां पढाई में अव्वल आते थे वहीं हर्षित फरीदाबाद से आरएमएस की कोचिंग ले रहा था। जगदीश ने बताया कि दोनों बच्चों उन्हें पूरा अभिमान था। इसके अलावा उनके बच्चों का ध्यान पढाई व कोचिंग पर ही रहता था। मौत से लगभग कुछ देर पहले ही उनके दोनों बेटे हर्षित, नमन अपने दोस्तों व हमारे साथ घर के आंगन में होली खेले थे और उसके बाद अपने दोस्तों के साथ पडोस में होली खेलने के लिए चले गए थे। उन्होंने बताया कि वह पहली बार ही मंदिर के तालाब के नहाने के लिए गए थे। उन्हें तैरना नहीं आता था और पानी अधिक होने के कारण उनकी डूबने में मौत हो गई। वहीं मृतक नितिन गांव के ही प्राइवेट स्कूल में आठवीं कक्षा का छात्र तथा राज दसवीं कक्षा का छात्र था। मृतक छात्र नितिन दो भाई तथा एक बहन है जबकि जबकि छात्र राज अपने परिजनों का एक लौता बेटा हैं। मृतक बच्चों के परिजनों ने बताया कि उनके बच्चे जहां पढाई में होशियार थे वहीं खेलकूद में भी अव्वल आते थे। उन्होंने बताया कि उनके बच्चे उन्हें बगैर बताए ही तालाब में नहाने के लिए चले गए, अगर उन्हें पहले पता होता तो वह अपने बच्चों को तालाब की ओर जाने से रोक लेते। उन्होंने बताया कि यह होली का त्योंहार उनके घरों में मातम का त्योंहार लेकर आया है। गांव में हुई इनती बडी घटना ने ग्रामीणों का झिंझोर का रख दिया है। गांव में मातम पसरा हुआ है।
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