वर्मा नूंह। उपायुक्त धीरेन्द्र खडग़टा ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने भावान्तर भरपाई योजना को करीब 4 वर्ष पहले शुरू किया था। इस में 19 से अधिक फल व सब्जियां शामिल है। योजना शुरू होन
े के बाद पूरे प्रदेश में फल व सब्जियों के एमएसपी निर्धारित हो गई है। योजना के अनुसार यदि निर्धारित वस्तुओं के दाम किसान को सब्जी मंडी में नहीं मिलते तो सरकार उसकी भरपाई करेगी। उन्होंने बताया कि किसान की सब्जी उत्पादन की खेती जौखिम मुक्त हो गई है। अब किसान को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं आ रही है। इसकी वजह है कि अब सब्जी उत्पादन करना मतलब प्रति हैक्टर से लाखों की आय निश्चित है। रजिस्ट्रैशन करवाने के बाद मिलता है लाभ:- प्रदेश सरकार ने भावान्तर भरपाई योजना में रबी व खरीफ की अधिकांश सब्जियों को शामिल किया हुआ है। किसान का लाभ लेने के लिए जरूरी है कि उसे अपना पंजीकरण करवाना होगा। पंजीकरण करवाने के बाद यदि सरकार द्वारा निर्धारित समय में फसल का भाव कम होगा तो सरकार कम भाव के रूपये किसान को भावान्तर योजना के तहत देगी। पहले किसान केवल आलू, फू लगोभी, गाजर व मटर का ही रजिस्ट्रैशन करवा सकते थे। लेकिन अब सरकार ने टमाटर, प्याज, शिमला मिर्च, बैंगन व अमरूद सहित 19 फल व सब्जियों को भी इस योजना में शामिल किया है। ऐसे में योजना विस्तृत बना दी है। सरकार ने भावान्तर भरपाई योजना में फल व सब्जियों के दाम निर्धारित कर दिए। अब ये बागवानी विभाग के अधिन है। जबकि इस योजना का नोडल अधिकारी कृषि विपन्न बोर्ड के डीएमईओ है। किसान को ऐसे करवाना होगा पंजीकरण:- किसान को अपनी फसल का पंजीकरण भावान्तर भरपाई योजना पोर्टल पर आनलाईन पंजीकरण करवाना होगा। इसके बाद बागवानी विभाग के अघिकारी किसान के क्षेत्र क निरीक्षण करेगे। इसके बाद जब किसान अपनी फसल मंडी में बेचता है तो उसे आढती से जे फार्म लेना अनिवार्य होगा। यदि किसान की फसल निर्धारित रेट से कम बिकती है तो उसे जे फार्म के साथ आनलाईन आवेदन करना होगा। जिसके बाद भाव अन्तर की राशि किसान के खाते में आनलाईल आ जाएगी। सब्जियों के निधारित रेट:- आलू 5 रुपए प्रति किलोग्राम, फूलगोभी 7.50 रुपएप्रति किलोग्राम, प्याज 6.50 रुपए प्रति किलोग्राम, टमाटर 5 रुपए प्रति किलोग्राम, गाजर 7 रुपए प्रति किलोग्राम, मटर 10 रुपए प्रति किलोग्राम, बैंगन 5 रुपएप्रति किलोग्राम, मिर्च 10.5 रुपए प्रति किलोग्राम, घिया 4.5 रुपए प्रति किलोग्राम अधिक जानकारी के लिए जिला उद्यान अधिकारी, नूंह के कार्यालय में सम्पर्क करे। जिला उद्यान अधिकारी दीन मौ. का कहना है कि प्रदेश सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना है और बागवानी कार्यालय का स्टाफ पंजीकरण करने में लगा हुआ है। जिससे हर किसान तक इसका लाभ पहुंचाया जा सके। इस योजना से बागवानी की खेती जौखिम मुक्त हो गई है और जिले के किसान इससे बहुत खुश है।
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