हथीन/माथुर : समीपवर्ती गांव छछेरा में तुलसी दिवस व गुरु गोविंद सिंह के साहबजादे का बलिदान दिवस यज्ञ करके मनाया गया। जिसमें आचार्य राजेश एवं नरेंद्र शास्त्री ने यज्ञ कराया। इस मौके पर आचार्य
ाजेश ने कहा गुरु गोविंद सिंह की संतानों ने अपने धर्म, संस्कृति और संस्कार की रक्षा की है। उन्होंने मुगलों को करारा जवाब देते हुए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। परंतु अपने धर्म पर अडिग रहे। उन्होंने कहा कि मुगलों के हजारों प्रयास करने के बाद भी उन्होंने अपना धर्म नहीं बदला। उन्होंने कहा कि उन्हें दीवारों में चिनवा दिया और आरा से कटवाने पर भी अपना धर्म नहीं छोड़, ऐसे बलिदानीयों पर हमको गर्व है। उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह को सच्चे साधु के साथ क्रांतिकारी और धर्म रक्षक भी कहा जाता है। गुरू गोविंद सिंह ने अपने पुत्रों को मातृभूमि के लिए बलिदान कर दिया पर अपना धर्म नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे बच्चों ने अपना धर्म और संस्कृति को बचाए रखने के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया था। वहीं आचार्य राजेश ने कहा कि हम कर्जा खाए बैठे हैं, गुरु गोविंद सिंह की संतानों का। मुगलों के लाख प्रयत्न करने पर भी वह मुसलमान नहीं बने ऐसे वीरों को शत शत नमन। आचार्य राजेश ने कहा तुलसी दिवस एक ऐसा औषधीय दिवस है, जिन पेड़ पौधों से हमें ऑक्सीजन के साथ-साथ औषधीय गुण भी प्राप्त होते हैं। ऐसे पेड़ों को साक्षात देवता कहा जाता है। तुलसी भी एक ऐसा ही पौधा है, जो हमारे शरीर के संपूर्ण रोगों का इलाज करता है। धार्मिक कामों में भी तुलसी का विशेष महत्व है। तुलसी को घर में लगाने से घर में नकारात्मक सोच और गलत रेडिएशन प्रवेश नहीं करते। इस अवसर पर मंदिर के महंत टीकाराम, निर्मल भगत, खुशी, रिचा, गजेंद्र, गौरव आदि विशेष रूप से मौजूद रहे।
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