नई दिल्ली, पिछले कुछ सालों में महिलाओं में कैंसर के मामले बढ़े हैं। यहां तक कि काफी कम उम्र में भी महिलाओं को कैंसर जैसी दर्दनाक बीमारी से जूझना पड़ता है। कैंसर के पीछे दो मुख्य कारण हैं प्रदु
ण और लाइफस्टाइल में बदलाव। आज दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस भी मनाया जा रहा है। ऐसे में आइए जानें एक्सपर्ट्स से कि महिलाओं में कैंसर के मामले बढ़ने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं। मुंबई के मसिना हॉस्पिटल के सलाहकार सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, डॉ. प्रसाद कसबेकर का कहना है कि महिलाओं में दो प्रकार का कैंसर सबसे ज़्यादा देखे जाते हैं। एक स्तन और दूसरा सर्विकल। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है लाइफस्टाइल में बदलाव। पहले औरतें सिर्फ घर का काम करती थी, धूम्रपान, शराब और तंबाकू के सेवन से दूर रहती थीं। आजकल घर के साथ ऑफिस का काम करना सिर्फ स्ट्रेस को बढ़ाता है। साथ ही तंबाकू, शराब का सेवन भी बढ़ा है। क्या है कारण? मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल में सलाहकार मेडिकल हेमेटो-ऑन्कोलॉजी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट, डॉ. अक्षय शाह ने बताया कि महिलाओं में पिछले कुछ सालों में कैंसर के मामले बढ़ने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं: मोटापा ज़्यादातर जो कैंसर हैं, वे मोटापे से जुड़े हैं, जैसे की ओवेरियन, सर्वाइकल, ब्रेस्ट कैंसर आदि। इसके अलावा कई कैंसर इंफेक्शन की वजह से होते हैं, जैसे की सर्वाइकल कैंसर, जो ह्यूमन पैपिलोमा वायरस से होता है। इससे बचने के लिए HP वैक्सीनेशन लेना ज़रूरी है। HIV मरीज़ों की संख्या भी काफी बढ़ रही है, इसके कारण सर्वाइकल कैंसर होने का ख़तरा 6 गुना ज्यादा बढ़ जाता है। कैंसर को बढ़ावा देने वाले प्रोडक्ट्स सिगरेट स्मोकिंग, शराब, तंबाकू का सेवन कई तरह के कैंसर का कारण बनता है। जिसकी वजह से ब्रेस्ट, ओवेरियन, लंग कैंसर और कोलोन कैंसर महिलाओं में काफी तेज़ी से बढ़ रहे हैं। नई टेक्नोलॉजी के साथ हमारी लाइफस्टाइल भी बदली है, यही वजह है कि बुढ़ापा अब जल्दी आता है और कैंसर के मामले भी बढ़ रहे हैं। ब्रेस्ट, ओवेरिएन, सर्वाइकल कैंसर और लंग कैंसर महिलाओं में होने वाले मुख्य कैंसर हैं, जिसके पीछे का कारण स्मोकिंग भी है। अन्य कैंसर भी हैं, जैसे हेड एंड नेक कैंसर, जो ह्यूमन पैपिलोमा वायरस से होता है। लिवर कैंसर हैपेटाइटिस-बी और सी की वजह से होता है। दूसरा है गैस्ट्रिक कैंसर जो शराब और स्मोकिंग की वजह से तो होता ही है लेकिन एसिडिटी की वजह से भी होता है। मोटापे से एसिडिटी बढ़ती है और इसी से कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। जागरुकता की कमी शरीर पर अगर छोटी गांठ जैसे लक्षण दिखते ही फौरन डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए, जबकि लोग ऐसा नहीं करते। सोचते है छोटी मोठी गांठ होगी अपने आप ठीक हो जाएगी, होमियोपेथिक, आयुर्वेदिक से ठीक करने की कोशिश करते है, लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ता और बीमारी फैल जाती है। लाइफस्टाइल में बदलाव भी एक महत्वपूर्ण कारण है जैसे की लंबे समय तक काम करना, तनाव में रहना। आहार का सेवन करने में भी बदलाव आया है जिस से कैंसर बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
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