नई दिल्ली, भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली के फिटनेस की चर्चा सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहती है। फिटनेस को लेकर सचिन तेंदुलकर सहित कई पूर्व क्रिकेटरों ने उनकी प्रशंसा की है। मोहाली टेस्ट ज
कि उनका 100वां टेस्ट मैच था मैच से पहले भी उन्होंने अपनी इस उपलब्धि के लिए फिटनेस का महत्वपूर्ण योगदान बताया था। टीम के अंदर फिटनेस को लेकर उन्होंने जो मापदंड सेट किए हैं उसकी तारीफ टीम में उनके साथी खिलाड़ी भी करते रहते हैं। अब उनके फिटनेस से जुड़ा हुआ एक और किस्सा सामने आ रहा है जो टीम के पूर्व फिजियो आशीष कौशिक ने शेयर किया है जो 2011 वर्ल्ड कप के दौरान टीम के फिजियो थे। उन्होंने कहा "उनके दर्द सहने की शक्ति कमाल की है। कुछ खिलाड़ियों को दर्द दूसरों की तुलना में ज्यादा प्रभावित करता है लेकिन कोहली के पास इस मामले में कमाल की क्षमता और वे इसको खत्म करने पर ज्यादा ध्यान देते हैं। मुझे याद है कि वर्ल्ड कप 2011 सेमीफाइनल मैच मोहाली से पहले उनके गर्दन और जबड़े में दर्द था। लेकिन उन्होंने इसे सहजता से लिया और मैनेज किया। उन्होंने कहा कि कोहली फिटनेस को लेकर बहुत जुनूनी हैं। यही चीज उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग और महान बनाती है। उनका फिटनेस को लेकर आत्मविश्वास बेहतरीन है जो उनके फिटनेस लेवल को ऊपर ले जाता है" एक क्रिकेटर के तौर पर आप दूसरे क्रिकेटर से तुलना करते हैं लेकिन वे ऐसे खिलाड़ी हैं जो खुद से कम्पीटिशन करते हैं। वे अपने लिए एक गोल सेट करते हैं जिसे हर हाल में उन्हें पाना होता है। कोहली ने सेमीफाइनल मैच में पाकिस्तान के खिलाफ 21 गेंदें खेलकर 9 रन बनाए थे। अभी हाल ही में सचिन तेंदुलकर ने विराट को 100वें टेस्ट के लिए शुभकामनाएं दी थी और विराट फिटनेस को लेकर कितने सख्त हैं उनके बारे में एक किस्सा भी सुनाया था। सचिन ने भी माना था कि उन्होंने फिटनेस का जो लेवल सेट किया है वह काबिले तारीफ है।
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