गांव के गंदे पानी (ग्रे-वाटर) को पक्के ड्रेन के माध्यम से वेटलैंड बनाकर किया जाएगा साफ जोहड़ों का नवीकरण कर सौंदर्य को बढाने के लिए चारो ओर लगाए जाएंगे पेड-पौधे हथीन/माथुर : जिला के ग्रामीण व श
री क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी जोहड़ों का नवीकरण कर सूक्ष्म सिंचाई नहर के साथ जोड़ा जाए, ताकि जोहड के पानी का इस्तेमाल खेतों में सिंचाई के लिए किया जा सके। इन सभी जोहडों में पर्याप्त पानी की उपलब्धता सिंचाई विभाग सुनिश्चित करेगा। जो जोहड पंचायत के अधीन है उनमें जल की जिम्मेवारी पंचायत विभाग की होगी। एनजीटी के आदेशों के तहत गांव के गंदे पानी (ग्रे-वाटर) को पक्के ड्रेन के माध्यम से वेटलैंड बनाकर साफ करके जोहड़ों तक पहुंचाया जाए। उपायुक्त कृष्ण कुमार ने यह निर्देश बुधवार को लघु सचिवालय के द्वितील तल पर स्थित अपने कार्यालय में जिला परामर्श एवं अनुश्रवण समिति एवं जिला स्तरीय कार्यकारिणी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि पोंडस के नवीकरण व सौंदर्यकरण के कार्य हेतु जिलास्तरीय कमेटी गठित की गई है, जिसमें संबंधित विभागों के अधिकारी सदस्य व दो गैर सरकारी सदस्य शामिल किए गए हैं, जो इसकी सटीक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने कहा कि जिला के जोहड़ों के नवीकरण करने उपरांत उन्हें मॉडल पोंड्स में तबदील किया जाए, ताकि जोहडों का सौंदर्यकरण किया जा सके। उन्होंने कहा कि गांव औरंगाबाद में बनाए जा रहे मॉडल पौंड के कार्य को शीघ्र शत प्रतिशत पूरा किया जाए। इस जोहड पर किए गए अतिक्रमण को जल्द से जल्द हटाया जाए। एनजीटी के आदेशों के तहत गांव के गंदे पानी (ग्रे-वाटर) को पक्के ड्रेन के माध्यम से वेटलैंड बनाकर साफ करके जोहड़ों तक पहुंचाया जाए, ताकि यह पानी खेतों में सिंचाई करने के लिए इस्तेमाल किया जा सके। उपायुक्त ने कहा कि संबंधित विभागों के अधिकारी जिला के 54 जोहड़ों का रिस्टोरेशन करने के लिए की गई कार्यवाही की रिपोर्ट का विवरण प्रस्तुत करें। उन्होंने गठित की गई समिति में शामिल किए गए दो गैर सरकारी सदस्यों से इस संबंध में अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए कहा। उपायुक्त ने अधिकारियों से राज्य स्तरीय व जिला स्तरीय समिति द्वारा पोंड्स पर किए जाने वाले कार्यों का विवरण भी मांगा। उन्होंने कहा कि जोहड़ों के सौंदर्यकरण को बढाने के लिए पंचायत विभाग पोंडस के चारो ओर पेड-पौधे रोपित करें। वन विभाग इसके लिए पर्याप्त पेड-पौधे उपलब्ध करवाएगा। उपायुक्त ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे एक्सन प्लान तैयार करें और जहां-जहां ग्रे-वाटर, नालियों, वैटलैंड, पोंड्स रिस्टोरेशन के कार्य किए जा रहे हैं उनका पूर्ण ब्यौरा प्रस्तुत करें। उपायुक्त ने जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी को मत्स्य पालन करने वाले किसानों के पट्टïा नियमानुसार बढाने के निर्देश दिए। उपायुक्त कृष्ण कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अगली बैठक से पूर्व किए जा रहे कार्यों का पूरी जानकारी उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि अगली बैठक में संबंधित विभागों के जिलाधिकारी ही आएं, ताकि सभी जानकारी पूर्ण रूप से मिल सके। सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता एस.पी. गर्ग ने बताया कि विभाग द्वारा जोहड़ों का विवरण एकत्र करने के लिए तालाब डेटा प्रबंधन प्रणाली (पी.डी.एम.एस.) सोफ्टवेयर बनाया गया है, जिसमें आधे हेक्टर से ज्यादा जमीन पर बने जिला के करीब 989 जोहड़ों की पहचान करके उनका पूर्ण विवरण अपलोड किया गया है। इसमें 926 जोहड़ ग्रामीण तथा लगभग 63 जोहड़ शहरी क्षेत्र के शामिल हैं। लगभग 15 जोहड़ों में विकास करके मॉडल पोंडस बनाने का कार्य प्रगति पर है। बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशांत, जिला जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी शमशेर सिंह नेहरा, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के कार्यकारी अभियंता रमेशचंद, जिला उद्यान अधिकारी अब्दुल रज्जाक, मत्स्य पालन अधिकारी गीता बघेल, नगर परिषद पलवल के कार्यकारी अभियंता महेंद्र, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपमंडल अधिकारी कुलदीप तेवतिया, वन विभाग के रैंज अधिकारी अमरदीप, तकनीकी विशेषज्ञ आई.डब्ल्यू.एम.पी. अरूण शर्मा, उपमंडल अधिकारी पंचायती राज अर्शद अली सहित गैर सरकारी सदस्य होडल से सुनिल कुमार तथा पलवल से मूर्ति शर्मा मौजूद रहे।
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