खोजी/नीलम कौर कालका। प्रदेश सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए शुरू की गई बी.पी.एल कार्ड योजना का लाभ पात्र परिवारों को नहीं मिल रहा है। बीपीएल परिवारों में ऐसे ल
ग शामिल है, जिनकी अच्छी इनकम व सुख-सुविधाओं से सम्पन्न हैं। परंतु जो असल में बीपीएल कार्ड के हकदार हैं वे सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं। यह कहना है कालका स्थित समाजसेवी घनश्याम दास चौधरी का। चौधरी का कहना है कि जब से राज्य में यह योजना शुरू हुई, तब से ही पात्र लोगों की बजाय सिफारिश लोगों को योजना का लाभ मिल रहा है। सरकारी नियमों को ताक पर रखकर वार्ड के जनप्रतिनिधियों और विभागीय कर्मियों द्वारा मिलकर बिना किसी जांच के असली गरीबों का गला घोंटकर, सिफारशी लोगों के फॉर्म भरकर बीपीएल कार्ड बनवा दिए गए। यह भी देखा गया है कि आयुष्मान भारत का लाभ भी केवल उन्हीं परिवारों को मिल रहा है जिनके बीपीएल कार्ड बने हुए हैं। जरूरतमंद परिवार बीपीएल व आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं, बावजूद इसके कार्ड बन नहीं रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा दावा किया गया था कि परिवार पहचान पत्र में दिए गए विवरण के अनुसार ही पात्र परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। परंतु यह केवल घोषणयों तक ही सीमित है। चौधरी ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जल्द ही बीपीएल परिवारों का नये सिरे से सर्वे करवाया जाए और सर्वे के दौरान फर्जी बीपीएल परिवारों का नाम सूची से काटा जाए, वहीं पात्र परिवारों का नाम सूची में शामिल किया जाए, जिससे केवल पात्र परिवार ही सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकें।
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