दिल्ली में आज से हटे सभी कोविड प्रतिबंध, लेकिन फिर ख़ुद से लें ये सावधानियां

Khoji NCR
2022-02-28 10:35:11

नई दिल्ली, तीन महीने पहले कोविड के नए स्ट्रेन ओमिक्रॉन ने दुनिया भर में चिंता बढ़ा दी थी, क्योंकि इस बार कोविड के मामले किसी जंगल में आग की तरह फैल रहे थे, जिसकी वजह से लोगों में हल्के सर्दी-ज़ुक

म जैसे लक्षण देखे जा रहे थे। कोरोना वायरस मामलों में वृद्धि ने स्वास्थ्य अधिकारियों को चिंतित कर दिया था, जिससे सख्त कदम उठाए गए। अब कोविड के मामले काफी कम हो गए हैं, इसी वजह से देश की राजधानी दिल्ली में कोविड से जुड़े प्रतिबंध को आज से हटाया जा रहा है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने शुक्रवार को घोषणा की कि राजधानी में रात के कर्फ्यू और रेस्तरां और बार में 50 प्रतिशत क्षमता नियम सहित सभी सीओवीआईडी ​​​​संबंधी प्रतिबंध वापस ले लिए जाएंगे। इसके साथ ही मास्क नहीं पहनने पर जुर्माने की राशि को भी एक हज़ार रुपये से 500 रुपए कर दिया गया है। इसके अलावा, डीडीएमए ने कहा है कि एक अप्रैल से स्कूलों को ऑफलाइन जाना है। कोविड के मामलों में गिरावट की खबरों के दौरान यह याद रखें कि महामारी अभी ख़त्म नहीं हुई है और हमें सावधानियां बरतना नहीं भूलना है। कोविड से जुड़े कई प्रतिबंध भले ही हटा दिए गए हों, लेकिन आपको खुद अपना ख्याल रखना ज़रूरी है। वैक्सीनेशन न भूलें यूएस सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, "कोरोना वायरस वैक्सीन लगवाने से कोविड-19 का कारण बनने वाले वायरस से संक्रमण और इसके फैलने का ख़तरा कम हो सकता है। वैक्सीन गंभीर बीमारी और मौत के ख़तरे को भी काफी कम करती है। मास्क ज़रूर पहनें वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि फेस मास्क पहनने से SARs-COV-2 वायरस से संक्रमित होने से बचा जा सकता है और प्रसार को सीमित किया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि एक व्यापक रणनीति के तौर पर मास्क का उपयोग संचरण को दबाने और जीवन बचाने के लिए किया जाना चाहिए। चाहे आपको वैक्सीन लगी हो या नहीं, हेल्थ ऑफिशियल्स लोगों से आग्रह कर रहे हैं कि वे सार्वजनिक जगहों और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में फेस मास्क का उपयोग ज़रूर करें। सर्दी-ज़ुकाम जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो घर पर ही रहें डेल्टा जो दुनिया का सबसे प्रमुख स्ट्रेन है, उससे बिल्कुल अलग कोविड के नए स्ट्रेन ओमिक्रॉन को कम गंभीर माना जा रहा है, जिससे संक्रमित होने पर हल्के, सर्दी-ज़ुकाम जैसे लक्षण होते हैं। यूके की ज़ोई लक्षण ऐप के प्रमुख, प्रोफेसर टिम स्पेक्टर, सभी से आग्रह करते हैं, कि अगर हल्का बुख़ार, गले में ख़राश, नाक बहना, थकान महसूस करना या शरीर में दर्द महसूस हो रहा हो, तो इन लक्षणों को अनदेखा न करें और तुरंत टेस्ट करवाएं। एक्सपर्ट्स लक्षणों की निगरानी करने, घर पर रहने और ऐसे लोगों से दूर रहने की सलाह देते हैं, जिनमें वायरस के संक्रमण और गंभीर लक्षण विकसित होने का ख़तरा ज़्यादा होता है। सोशल डिस्टेंसिंग से वायरस को फैलने से रोकने में मदद मिलती है स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, "सोशल डिस्टेंसिंग एक गैर-फार्मास्युटिकल संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण हस्तक्षेप है, जो उन लोगों के बीच संपर्क से बचने/घटाने के लिए लागू किया गया है जो रोग पैदा करने वाले रोग से संक्रमित हैं और जो नहीं हैं, ताकि उन्हें रोका या धीमा किया जा सके।" सीडीसी के मुताबिक सार्वजनिक स्थानों पर लोगों से छह फीट की दूरी बनाए रखने से कोविड प्रसार को रोकने में मदद मिलती है, भले ही आपने वैक्सीन लगवाई हो या नहीं। कोविड-19 से बच्चों को कैसे बचाया जा सकता है? अब जब दिल्ली के सभी स्कूल पूरी तरह से ऑफलाइन काम करना शुरू कर रहे हैं, यह महत्वपूर्ण है कि माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। भारत में, 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों को अब कोविड वैक्सीन लगनी शुरू हो गई है। ऐसे में अगर आपका बच्चा इस ऐज ग्रुप में आता है, तो उसे जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाएं। वहीं, छोटे बच्चे जब बाहर जाएं तो मास्क ज़रूर पहनें। उन्हें कोविज के जोखिमों के बारे में बताएं और साथ ही हाथों की स्वच्छता क्यों ज़रूरी है यह भी समझाएं।

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