प्राइवेट मण्डियों में होगा जियो का किसानों के लिए षड़यंत्र कुरुक्षेत्र, 24 दिसम्बर(सुदेश गोयल) : ग्लोबल इवेंट्स ऑर्गेनाइज़ेशन ट्रस्ट के चेयरमैन, राष्ट्रीय पंजाबी महासभा के प्रदेश वरिष्ठ उपा
्यक्ष तथा विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से जुड़े एडवोकेट मधु सूदन बवेजा ने कहाकि तीन कृषि कानूनों की आड़ में बहुत गहरी चाल चली जा रही है। इसे शिक्षित किसान बड़ी बेहतरी से समझ रहे हैं। उन्होंने कहाकि सरकार जिन देशों के उदाहरण दे रही है। उसी से समझ लेना चाहिए कि अगर तीन कृषि कानूनों को स्वीकार कर लिया गया तो किसान बर्बाद हो जायेंगे। बवेजा ने कहाकि तीन कृषि कानूनों के नाम पर किसानों की सब्सिडी समाप्त करने का षडयंत्र चल रहा है। अगर किसानों की सब्सिडी ही समाप्त हो गई तो किसान के लिए खेती करना ही मुश्किल हो जायेगा। उन्होंने कहाकि हरियाणा के गांवों में बिजली महंगा करना भी इसी षडयंत्र का हिस्सा है। सरकार के षडयंत्रों के विरोध में अखिल भारतीय कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला खुली आवाज बुलंद कर रहे हैं। बवेजा ने कहाकि यह बात तो स्पष्ट हो चुकी है कि सरकार कृषि को प्राइवेट मंडियों के हवाले करने की पूरी तैयारी कर चुकी है। सरकार किसानों से जो वायदे कर रही है, वह भी जिओ की रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने कहाकि किसान सरकार की साजिश को समझ रहे हैं और इसी लिए बड़ा आंदोलन कर रहे है। बवेजा ने कहाकि सरकार के लोग जिस तरह से बरगलाने के लिए मीठी मीठी बातें कर रहे हैं। इससे समझ लेना चाहिए कि इसके पीछे जिओ की स्कीम ही काम कर रही है। जिस प्रकार अम्बानी ने लोगों को पहले मोबाइल के नाम पर आम लोगों को न जाने कितने प्रलोभन दिए और देश की दूरसंचार व्यवस्था बर्बाद कर दी। अब कृषि कानूनों के नाम पर भी वही स्कीम काम कर रही है। इससे निश्चित है कि आने वाले समय में मंडियां प्राइवेट हाथों में जा कर देश के किसान बर्बाद होंगे जिसे सहन करना मुश्किल होगा। बवेजा ने कहाकि किसानों को सरकार के षडयंत्र को समझ लेना चाहिए कि अगर सरकार सब्सिडी के नाम पर जो आश्वासन देगी वह भी चुनावी रिश्वत की भांति ही एक प्रलोभन ही होगा। लेकिन अर्थशास्त्रियों ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार ने कृषि क्षेत्र में खाद, बीज, कीटनाशक दवाइयों, कृषि यन्त्रों तथा वाहनों इत्यादि पर सब्सिडी समाप्त करने की तैयारी की है
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