अरावली की पहाड़ियों में हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए एसडीएम से लगाई गुहार।

Khoji NCR
2022-02-18 13:23:12

अरावली के प्रतिबंधित क्षेत्र में धड़ल्ले से हो रहा अवैध खनन, प्रशासन मौन पुष्पेंद्र शर्मा फिरोजपुर झिरका । अरावली की पहाड़ियों में हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए स्थानीय उपमंडल अधिकार

नागरिक को रवा गांव के निवासियों ने एक शिकायत देकर खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है । एसडीएम को दी शिकायत में ग्रामीणों ने कहा कि सर्वोच्च न्यायलय के आदेशों को दरकिनार कर उपमंडल के गांव के समीप नांगल क्रेशर जोन में इस समय गैर मुमकिन पहाड़ों में अवैध खनन का कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा है। जानकारी मिली है कि ये अवैध खनन राजस्थान सीमा से लगते हरियाणा के वन क्षेत्र में खुलेआम हो रहा है। ताज्जुब की बात ये है कि इसको लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों ने चुप्पी साधी हुई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाकर हरियाणा के हरे भरे वन क्षेत्र को बर्बाद कर रहे खनन माफियाओं पर रवा गांव के निवासियों ने के लोगों ने उचित कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि एक तरफ मौजूदा सरकार प्रदेश में अरावली के रकबे को बढ़ाने पर अरबों रुपये खर्च रही है। वहीं दूसरी तरफ फिरोजपुर झिरका खंड में खनन माफियाओं द्वारा सरकार की इस मुहिम को पलीता लगाकार हरे-भरे वन क्षेत्र को उजाडने का काम किया जा रहा है। क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि यहां के नांगल क्रशर जोन से सटे हरियाणा के रवा गांव में इस समय गैर मुमकिन यानी प्रतिबंधित क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है। अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार के खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने भी पहाड़ी क्षेत्र का दौरा किया है: प्रदेश सरकार के कारण मंत्री मूलचंद शर्मा ने लगभग 6 माह पूर्व अरावली क्षेत्र के इन पहाड़ों का दौरा कर अवैध खनन पर प्रतिबंध लगाने की पुलिस अधिकारियों और खनन विभाग के अधिकारियों से कही लेकिन प्रदेश सरकार के मंत्री की बात को भी दरकिनार करते हुए खनन माफिया लगातार आवरण को बढ़ावा दे रहे हैं जिससे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है । अगर हरियाणा क्षेत्र के हिस्से में से पहाड़ काटकर अवैध खनन किया जा रहा है । तो निश्चित रूप से ही ऐसे कार्य को अंजाम देने वाले लोगों पर शिकंजा कसा जाएगा और जल्दी पहाड़ की नपाई तलाई का कार्य कराया जाएगा । रणबीर सिंह , एसडीएम , फिरोजपुर झिरका।

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