आशा वर्करों ने किया रोष प्रदर्शन, सरकार के खिलाफ की जमकर नारेबाजी

Khoji NCR
2022-02-18 13:22:22

आशा वर्कर्स के साथ किए गए अभद्र व्यवहार का आज प्रदेश की 20000 आशा वर्कर्स ने दिया करारा जवाब। चिराग गोयल,फिरोजपुर झिरका।-सभी जिलों में डीसी कार्यालय पर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन करके आशा वर्कर्स

े अपना भारी रोष प्रकट किया है। वही मांडीखेड़ा अल्फिया अस्पताल में भी आशा वर्करों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।गौरतलब है कि 17 फरवरी को 15 दिन के नोटिस पर आशा वर्कर ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के निवास स्थान पर हड़ताल करके एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था।प्रदर्शन को विफल बनाने के लिए सरकार ने जो हथकंडे अपनाए वे बेहद निंदनीय हैं। आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, गृहमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से आशा वर्कर्स के प्रति किए गए इस व्यवहार के लिए सार्वजनिक माफी मांगने की मांग कर रही है। सीआईडी और पुलिस ने रात 12 बजे तक यूनियन नेताओं के घर पर दबिस दी। सुबह भी 4 बजे से अंबाला आने के लिए अपने घरों से निकली एक एक आशा का पीछा पुरुष पुलिस कर्मचारियों द्वारा किया गया है। उनकी गाड़ियों को रोका गया। आशा वर्कर्स के साथ हाथापाई की गई। यमुनानगर शडोरा ब्लॉक के मैक्सी कैब ड्राइवरों के साथ पुलिस द्वारा मारपीट की गई। इस सबके बावजूद अंबाला पहुंच चुकी आशा वर्कर्स के साथ भी पुलिस ने जोर जबरदस्ती की गाड़ियों में भर-भर कर आशा वर्कर्स को आसपास के अंजान गांव में छोड़ा गया उन्हें डराया धमकाया गया। तमाम गाड़ियों को अलग-अलग पुलिस थानों में बंद किया गया। अंबाला जिलें की कनविनर कविता अधोया को कई घंटे तक हाउस अरेस्ट रखा गया। अंबाला जिले की सभी आशा वर्कर्स उनकी पीएचसी पर बंद करके बाहर से ताले लगा दिए गए। 3:30 बजे के बाद जब पीएचसी के ताले खोले गए और उन्हें बाहर निकाला गया उसके बाद जितनी आशा वर्कर्स ने अंबाला आने की कोशिश की उन सभी का पुलिस द्वारा पीछा किया गया और उन्हें पकड़ कर उनके गांव छोड़ा गया। सरकार के आदेश पर हरियाणा की 20,000 आशा वर्कर्स के साथ पुलिस द्वारा किए गए इस अभद्र व्यवहार की जितनी कड़े शब्दों में निंदा की जा सके वह कम है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार ने हरियाणा की बेटियों को पहले तो सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर किया और अब महिलाओं के पीछे पुलिस कर्मचारियों को लगा दिया है। इस व्यवहार के प्रति जबरदस्त गुस्सा न केवल आशा वर्कर्स में है बल्कि आशा वर्कर्स के 20000 परिवारों और हरियाणा एवं देश की तमाम आम जनता के मन में है। आम लोगों ने कहा कि कोविड काल में आशा वर्कर्स ने शानदार काम किया है। न केवल कोविड काल में 2005 से जब से आशा वर्कर्स लगी है तब से आशा वर्कर ने हरियाणा के तमाम स्वास्थ्य सूचकांकों में जबरदस्त सुधार किया है। 2005 में शिशु मृत्यु दर प्रति हजार बच्चों पर 67 थी जो अब घटकर मात्र 5.9 रह गया है। 2005 में मातृ मृत्यु दर प्रति 1000 जीवित जन्म पर 2004 में 186 थी जो कि 2021 में घटकर 1000 जीवित जन्म पर 91रह गई है। 2006 में संस्थागत प्रसूति केवल 16% थी जो अब बढ़कर 71 प्रतिशत हो गई है। 2004 तक नियमित टीकाकरण 40% से भी कम था जो अब बढ़कर लगभग 90% हो गया है यह प्रदेश की आशा वर्कर की अथक मेहनत के बल पर ही हुआ है जिसका सरकार कभी जिक्र तक नहीं कर रही है जिसे एक करोड़ कोविड-19 के लिए मोदी जी पूरी दुनिया में वाहवाही ले रहे थे और पूरे देश की जनता को धन्यवाद देने के लिए कह रहे थे हरियाणा के मिशन डायरेक्टर और स्वास्थ्य मंत्री हरियाणा सरकार से बेहतर कोविड-19 के लिए इनाम लेकर आए थे और जमीन पर लोगों की नाराजगी दूर करते हुए उन्हें समझाते हुए व्यक्ति नेशन सेंटर तक लाकर लोगों का व्यक्ति नेशन करवाने वाली आशा वर्कर की काम की सराहना में एक शब्द भी नहीं बोल रहे हैं। इसी बात का गुस्सा हरियाणा की आशा वर्कर्स में है। हरियाणा सरकार बार-बार बरगलाने की कोशिश कर रही है कि हम हरियाणा की आशा वर्कर्स को सबसे ज्यादा मानदेय दे रहे हैं। सरकार एक बार भी इस बात का हवाला नहीं देती है कि हम हरियाणा की आशा वर्कर से बेतहाशा काम ले रहे हैं। 2014 ओर फिर 2018 में सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार प्रोत्साहन राशियां न देकर उनमें 2019 से लगातार कटौती कर रही है। यहां तक कि कोविड-19 की प्रोत्साहन राशि को भी समझौते के अनुसार नहीं दिया गया है। सरकार ने एक भी बयान में आशा वर्कर की प्रोत्साहन राशि यों में की जा रही कटौती ओ का जिक्र नहीं किया है। सरकार का यह बयान बेहद अफसोस जनक है कि यूपी-बिहार जैसे हमारे पड़ोसी राज्य आशा वर्कर्स का शोषण कर रहे हैं इसलिए हम भी शोषण करेंगे। सरकार द्वारा आशा वर्कर्स के प्रति किए जा रहे अब उत्तर व्यवहार और संवेदनशील व्यवहार के लिए अपना रोष प्रकट करेंगे और अपना हक लेकर ही रहेंगी। कल भी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। रविवार को राज्य कमेटी की मीटिंग करके आगामी आंदोलन की घोषणा की जाएगी।

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