हथीन / माथुर : केंद्र एवं राज्य सरकार मातृ वंदन योजना के तहत प्रसूताओं को संस्थागत सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर स्थित डिलीवरी हट्स पर डिलीवरी कराने की प्रोत्साहन योजना चला रही है। परन्तु वि
ागीय स्टाफ की लापरवाही के चलते प्रसूताओं को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण गांव पहाड़ी की प्रसूता अनिता का दर्द जानकर पता चला। अनिता की चाची कमला ने बताया कि दस फरवरी गुरुवार को अनिता के दर्द उठने पर वे डिलीवरी के लिए समीपवर्ती गांव नांगल जाट स्थित डिलीवरी हट पर गए। सांयकाल तीन बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित नांगल जाट डिलीवरी हट पर ताला जड़ा मिला। इसके बाद अनिता को सौन्ध गांव स्थित सरकारी डिलीवरी हट पर ले गए। जहां एक नर्स मिली उसने प्रसूता को दाखिल ही नही किया और डिलीवरी कराने से इंकार कर दिया। तत्पश्चात प्रसूता अनिता को सरकारी हॉस्पिटल होडल ले गए। हॉस्पिटल में रात्रि में प्रसूता को रखा और सुबह होते ही यह कहकर डिस्चार्ज कर दिया कि अभी डिलीवरी नही होगी। प्रसूता दर्द से परेशान थी। मजबूरी में उसको होडल के प्राइवेट हॉस्पिटल में ले गए। जहां एक डेढ़ घण्टे बाद स्वस्थ बच्ची का जन्म हुआ। प्रसूता की चाची वीणा ने बताया कि उन्हें सरकारी डिलीवरी हट्स से निराशा बनी है। उन्होंने जिम्मेदार स्टाफ के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। इस बारे में हथीन के सीनियर मेडिकल अफसर विजय कुमार ने बताया कि सभी डिलीवरी हट्स पर चौबीसों घण्टों की सेवा है। पहाड़ी गांव की शिकायत उनके पास नही आई है। यदि शिकायत मिली तो वे जांच करके आवश्यक कार्यवाही करेंगें।
Comments