इस्लामाबाद, । मानवाधिकार कार्यकर्ता व यूकेपीएनपी के चेयरमैन सरदार शौकत अली कश्मीरी ने कहा है कि पाकिस्तान का 'कश्मीर एकजुटता दिवस' कार्यक्रम झूठ पर आधारित है और इसके जरिये वह कश्मीरवासियों
था दुनिया को मूर्ख बना रहा है। कश्मीरी ने कहा कि चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगिट-बाल्टिस्तान, बलूचिस्तान व अन्य के फायदे के लिए नहीं है। वह सिर्फ चीन के फायदे के लिए है। पाकिस्तान का मजाक उड़ाते हुए यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) के चेयरमैन ने कहा कि चीन की व्यापार व रणनीतिक जरूरतों के मद्देनजर उसका भीख का कटोरा खाली नहीं रह सकता। कश्मीरी ने कहा, 'पाकिस्तान हमेशा कश्मीर प्रशासन के खिलाफ साजिश करता रहता है। उसने अपने कब्जे वाले गिलगिट-बाल्टिस्तान में राज्य के विषयों को समाप्त कर दिया है और गुलाम कश्मीर में भाड़े के अधिकारियों को नियुक्त कर दिया है।' गुलाम कश्मीर के रहने वालों की अभिव्यक्ति की आजादी का मुद्दा खड़ा करते हुए कश्मीरी ने कहा, 'पाकिस्तान ने गुलाम कश्मीर के लोगों पर अनुच्छेद 74 लागू कर दिया है। इसके जरिये लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी पर पहरा बैठा दिया गया है और उन्हें पाकिस्तानी नागरिक बनने के लिए मजबूर किया जा रहा है।' उन्होंने कहा, 'पांच फरवरी को पाकिस्तान द्वारा मनाया जाने वाला कश्मीर एकता दिवस महज एक धोखा है। पाकिस्तान ने कश्मीर पर जबरन कब्जा किया हुआ है और वह कश्मीरियों के कल्याण के लिए कुछ भी नहीं करता। वह सिर्फ कश्मीर के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहा है।' अमेरिका के भारतीय समुदाय ने शनिवार को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने का आरोप लगाते हुए पाकिस्तान के खिलाफ वाशिंगटन में विरोध प्रदर्शन किया। इनमें कश्मीर प्रांत के लोग भी शामिल थे। भारतीय समुदाय का कहना था कि 'कश्मीर एकता दिवस' की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान, तुर्की व कतर के सहयोग से कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की फिराक में है। वाशिंगटन की सड़कों पर एक डिजिटल ट्रक भी दिखाई दिया, जिस पर पाकिस्तान, तुर्की व कतर के आतंकी संबंधों का उल्लेख किया गया था।
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