हथीन / माथुर : हथीन में आयोजित किन्नर सम्मेलन की आयोजक गीता किन्नर का मानना है कि सप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद देश के किन्नर समाज को आज भी यथोचित सम्मान नहींं मिला है। उनका कहना है कि आज भी स
माज के लोग उनको हेय दृष्टि से देखते हैं। उन्होंने कहा कि किन्नर समाज के लोगों का पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन सीमित रहता है। जिस समाज से वे निकल कर आते हैं उसी समाज के लोग।उन्हें अलग नजरिये से देखते हैं। उन्होंने बताया कि इसके बावजूद देश एवं विश्व का शतप्रतिशत किन्नर समाज सबकी भलाई की प्रार्थना भगवान से करता है। उनका कहना है कि सामाजिक संघर्षों के बीच किन्नर समाज के लोग आज राजनीति में भी हैं। परन्तु उनकी गिनती अंगुलियों में है। उनका मानना है कि समाज के लोगों को ही ऐसी सोच बनानी होगी जिससे किन्नर समाज मुख्य धारा में शामिल हो सके। उन्होंने कहा कि वे भी चाहते हैं कि उनके समाज के लोग भी नाचने ,गाने एवं शगुन मांगने के व्यवसाय से इतर अन्य माध्यमों से भी धन उपार्जन कर मुख्य धारा में शामिल हों। हथीन में हो रहे किन्नर सम्मेलन में गीता दुल्हन के रोल में है। चाक पूजन हो चुका है। अब भात की रस्म होगी।
Comments