संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने बुधवार को दुश्मन के कई ड्रोन मार गिराए। हालिया सप्ताहों में चौथी बार इस तरह का हमला किया गया। इस हमले की 'ट्रू प्रामिस ब्रिगेड' नामक समूह ने जिम्मेदारी ली है। अधिका
ियों का मानना है कि हमले को इराक से अंजाम दिया गया। इससे पहले तीन बार हुए हमले की यमन के ज्यादातर हिस्सों पर कब्जा करने वाले ईरान समर्थित हाउती विद्रोहियों ने जिम्मेदारी ली थी। इराक और यमन में अमीरात की नीतियों की प्रतिक्रिया में किए गए हमले यूएई के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार रात बताया कि दुश्मन के तीन ड्रोन मार गिराए गए। ड्रोन आबादी वाले इलाके से दूर गिरे। इससे पहले अवलिया वाद अल-हक या 'ट्रू प्रामिस बिग्रेड' से जुड़े एक आनलाइन अकाउंट पर दावा किया गया कि अबू धाबी में विभिन्न महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाने के लिए चार ड्रोन लांच किए गए। इराक और यमन में अमीरात की नीतियों की प्रतिक्रिया में हमले किए गए। इधर, वाशिंगटन इंस्टीट्यूट नियर-ईस्ट पालिसी का मानना है कि ब्रिगेड का इराक के कातैब हिज्बुल्लाह या हिज्बुल्लाह ब्रिगेड के साथ संबंध है। बता दें कि हाउती व्रिदोहियों के 2015 में यमन की राजधानी सना पर कब्जा करने के बाद से ही सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन से मुकाबला कर रहा है, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात शामिल भी है। भारत और पाकिस्तान के तीन कर्मचारियों की हुई थी मौत गौरतलब है कि यमन के हाउती विद्राहियों ने सबसे पहले पिछले महीने अमीरात पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए थे। अमेरिका और अमीरात बलों ने संयुक्त रूप से पिछले दो हवाई हमलों को रोक था। इनमें से एक हमला इजरायल के राष्ट्रपति आइजैक हर्जोग के खाड़ी अरब देश की एतिहासिक यात्रा के दौरान किया गया था। वहीं, अबू धाबी पर पिछले महीने हाउती विद्राहियों द्वारा किए गए हमले में भारत और पाकिस्तान के तीन कर्मचारियों की मौत हो गई थी और छह अन्य घायल हुए थे।
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