लगभग साढ़े 29 एकड़ जमीन पर बनाया जा रहा है जिला कारागार। सोनू वर्मा, ख़ोजी एनसीआर नूंह। आलोक राय एडीजीपी ने नूंह की जिला कारागार का किया निरीक्षण। आलोक राय एडीजीपी जेल ने कहा जल्द ही नूंह जिले
ें जिला कारागार बनकर तैयार हो गई है। इसके लिए तेजी काम चल रहा है। जल्दी ही इसका उदघाटन होगा। साढ़े 29 एकड़ 5 कनाल जमीन पर 47 करोड़ 86 लाख की लागत से बनाई जा रही इस जेल को हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन द्वारा बनाया जा रहा है। बुधवार को आलोक राय एडीजीपी ने जेल का बारीकी से निरीक्षण किया। एसपी नूंह वरुण सिंगला के साथ - साथ अन्य पुलिस अधिकारी उनके साथ रहे। उन्होंने कहा नूंह को जिला बने लगभग 16 वर्ष हो गए हैं, लेकिन यहां अभी जेल नहीं है। यहां के कैदियों को फिलहाल गुरुग्राम की भौंडसी जेल में रखा जा रहा है। सरकार नूंह में भी सलंबा गांव की साढ़े 29 एकड़ पांच कनाल में बना रही है। जेल की सुरक्षा के लिए तीन बाउंड्री बनाई जा रही हैं। बाहर की बाउंड्री 9 फीट ऊंची, बीच वाली 20 फीट तथा अंदर वाली बाउंड्री 12 फीट ऊंची होगी। निगरानी के लिए अंदर छह वाच टावर बनाए जा रहे हैं। ये सभी टावर नौ से 20 फीट ऊंची बाउंड्री के बीच होंगे। इस जेल के निर्माण पर 47 करोड़ 86 लाख रुपये खर्च होंगे। नूंह-पलवल रोड पर स्थित यह जेल सलंबा व सालाहेड़ी गांव के बीच हैं तो पुलिस लाइन व फिरोजपुर नमक गांव से सटी हुई है। जिला न्यायिक परिसर से इसकी दूरी महज एक किलोमीटर है। जेल में कैदियों की देखरेख के लिए एक अस्पताल, पढ़ाई के लिए लाइब्रेरी, कैंटीन, सुरक्षा के लिए अलग से सेल, एडमिन ब्लॉक, कंट्रोल रूम, कैदियों के काम करने के लिए यहां एक शेड भी बनाया जाएगा। जेल में कैदियों के रहने के लिए 12 बैरक होंगी। जिनमें 5 बैरक पुरुष कैदियों के लिए तो एक महिला कैदियों के लिए बनाई जा रही है। 2 बैरक खूंखार कैदियों के लिए, 2 बैरक कर्मचारी कैदियों के लिए तो 2 बैरक वीआइपी कैदियों के लिए निर्धारित किए गए हैं। एक बैरक में 126 पुरुष कैदियों को रखा जाएगा, जबकि महिलाओं के लिए यह क्षमता 114 होगी। एक बैरक में केवल 12 तो कर्मचारी 24 रह सकेंगे। वीआइपी कैदी एक बैरक में मात्र 15 ही रह सकते हैं। लिहाजा इन 12 बैरक में कुल 846 कैदियों को रखा जा सकता है। जेल के कैदियों को काम करने के लिए दिया जाएगा। ताकि वो अपने भविष्य को संवार सकें। आलोक राय आईपीएस ने कहा नूंह में जिला कारागार का काम तेजी से चल रहा है। समय-समय पर उसका निरीक्षण किया जाता रहा है। हालांकि यह अब से पहले तैयार हो जानी थी, लेकिन कोरोना व अन्य कारण से ऐसा नहीं हो सका। यहां कैदियों के लिए सुविधाओं के साथ - साथ सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध होंगे।
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