शोध के मुताबिक, ओमिक्रॉन के ऐसे 5 लक्षण जो बच्चों में देखे जाते हैं

Khoji NCR
2022-01-31 15:07:21

नई दिल्ली, कोरोना वायरस की पहली लहर की तुलना में डेल्टा वेरिएंट की वजह से आई दूसरी लहर के दौरान ज़्यादा बच्चे संक्रमित हुए थे। इसी तरह का ट्रेंड अब ओमिक्रॉन की वजह से आई तीसरी लहर में भी देखा ज

रहा है। बच्चों को इससे पहले सिर्फ कैरियर ही माना जा रहा था, लेकिन अब वायरस उनके लिए भी उतना ही ख़तरनाक साबित हो रहा है जितना वयस्कों के लिए। कोविड से संक्रमित बच्चों में भी अब गंभीर लक्षण देखे जा रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है। खासतौर पर वे बच्चे जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं। भारत में भले ही कोविड के मामले पिछले कुछ हफ्तों में कम हुए हैं लेकिन फिर भी कोविड कभी ख़त्म नहीं हुआ है। इसलिए यह ज़रूरी है कि बच्चों में संक्रमण के आम लक्षणों को हम सभी जान लें। बच्चों में कोविड संक्रमण के आम लक्षण ज़ोई कोविड-लक्षण स्टडी के अनुसार, कमज़ोरी बच्चों में कोविड संक्रमण का बेहद आम संकेत है, जिसके बाद सिर दर्द, गले में ख़राश, नाक बहना और छींक जैसे लक्षण आते हैं। ज़ोई कोविड स्टडी एक स्मार्टफोन ऐप है, जिसे महामारी के दौरान विकसित किया गया ताकि यह लॉग किया जा सके कि यूके में कोरोना वायरस से पीड़ित लोग कैसे लक्षणों का अनुभव करते हैं। ऐप का उपयोग बच्चों और वयस्कों दोनों द्वारा लक्षणों को ट्रैक करने के लिए किया जाता है, जिसके आधार पर शोधकर्ताओं ने सामान्य ओमिक्रॉन लक्षणों की लिस्ट तैयार की है। ऐप से मिले आंकड़ों के मुताबिक वयस्कों में दिखने वाले लक्षण बच्चों से अलग थे। इसमें यह भी देखा गया कि वयस्कों में नाक बहना पहला लक्षण होता है, जिसके बाद सिर दर्द, कमज़ोरी और छीकें जैसे लक्षण आते हैं। श्वसन तंत्र से संबंधित लक्षणों के अलावा, ओमिक्रॉन शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। इससे दस्त और रैशेज़ जैसे कुछ असामान्य लक्षण भी देखे जा सकते हैं। हालांकि, यह आम नहीं है और काफी कम लोगों में देखे गए हैं। अध्ययन के दौरान एकत्र किए गए आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि कुछ मामलों में बच्चों में क्रुप विकसित हो सकता है, एक ऐसी स्थिति जिसमें वायुमार्ग के संक्रमण से खांसने पर कुत्ते के भौंकने जैसी आवाज़ आती है। हालांकि, अध्ययन में एसिम्प्टोमैटिक कोविड-19 मामलों को शामिल नहीं किया गया था। जिन बच्चों को वैक्सीन लग चुकी है उनमें ऐसे लक्षण देखे गए क्योंकि यूके में अधिकांश बच्चों को टीका लगाया जा चुका है, इसलिए ओमिक्रॉन के लक्षण भी हल्के बने हुए हैं। ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित होने के बाद, बच्चों में ज़्यादातर सामान्य सर्दी जैसे लक्षण विकसित हुए, जो लंबे समय तक नहीं खिंचते या कोई गंभीर लक्षण पैदा नहीं करते। एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि वैक्सीन कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकता नहीं है, लेकिन गंभीरता को कम करने में यह काफी कारगर रहा है। इसके अलावा, डेल्टा वेरिएंट की तुलना में, अधिक बच्चे ओमिक्रॉन वेरिएंट से प्रभावित हुए क्योंकि यह कोरोना वायरस के अन्य प्रकारों की तुलना में अधिक संक्रामक है। अपने बच्चों को कैसे सुरक्षित रखें अब जबकि भारत में 15 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए वैक्सीन उपलब्ध हैं, यह ज़रूरी है कि आपके बच्चों को जल्द से जल्द टीका लगाया जाए। वैक्सीन वायरस के ख़िलाफ इम्यूनिटी देती है और गंभीर इंफेक्शन के जोखिम को काफी कम करती है। इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे सभी कोविड मानदंडों का पालन करें, जैसे हर समय मास्क पहनना, उचित स्वच्छता बनाए रखना और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना।

Comments


Upcoming News