एडीसी डा. सुभिता ढाका ने कहा- अधिकारी सक्रियता बनाए रखें नूंह 28 जनवरी : हरियाणा सरकार की ओर से प्रदेशभर में ग्राम संरक्षक कार्यक्रम की शुरूआत की हुई है, जिसके तहत प्रथम श्रेणी स्तर के अधिकारी ए
-एक गांव को गोद ले सकते हैं। ग्राम संरक्षक के रूप में यह अधिकारी गांवों व वार्ड स्तर पर लोगों की समस्याओं का समाधान करवाएं तथा गांवों के विकास से संबंधित जानकारी जिला प्रशासन व सरकार तक पहुंचाएं ताकि अंतिम व्यक्ति तक जनहित की योजनाओं व कार्यक्रमों का लाभ पहुंचे। ग्राम संरक्षक योजना के नोडल अधिकारी एवं अतिरिक्त उपायुक्त डा. सुभिता ढाका ने जिला के प्रथम श्रेणी विभागाध्यक्षों को कहा कि सभी प्रथम श्रेणी स्तर के अधिकारी एक-एक गांव का चयन कर उसके संरक्षक बनें। अपनी डयूटी के अलावा देश व समाज के विकास के बारे में भी सोचना चाहिए। ग्राम संरक्षकों से संवाद का मकसद यही है कि सभी समाज के प्रति जवाबदेह बनते हुए उनकी भलाई के लिए कार्य करें। इसके लिए वे http://www.intrahry.gov.in पोर्टल पर स्वयं को रजिस्टर्ड करें और जल्द से जल्द अपने गांवों का चयन करें। यह कार्य डयूटी के समय को छोडकऱ अन्य समय में करना है। अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना है लक्ष्य : अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि प्रदेश सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय की अंत्योदय की भावना के साथ काम कर रही है। सरकार ने पिछले सात साल में जनहित में अनेक योजनाएं व कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिसमें शिक्षा, रोजगार, कौशल विकास, कुटीर उद्योगों को बढ़ाव, एक जिला-एक प्रोडक्ट विकसित करना, पेंशन योजनाएं, मेरी फसल-मेरा ब्यौरा, स्वामित्व योजना, हर घर नल से जल, परिवार पहचान पत्र, मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना इत्यादि शामिल हैं। आज भी अनेक ऐसे व्यक्ति हैं, जो अपने हित की योजनाओं का लाभ उठाने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे में ग्राम संरक्षक के रूप में अधिकारी ग्रामीणों, ग्राम स्तर पर कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों से संपर्क कर गांवों की समस्याओं का समाधान करने में सहयोग कर सकेंगे। अधिकारी का समाज के प्रति समझें अपना दायित्व : एडीसी ने अधिकारियों से आह्वïान किया है कि समाज ने हम सभी को बहुत कुछ दिया है। एक अधिकारी के रूप में हम सभी का दायित्व है कि हम सभी समाज के प्रति अपने दायित्व को समझें और उसकी भलाई के लिए कार्य करें।
Comments