हथीन/माथुर : अटल भूजल योजना के अंतर्गत एस.ई. रावत को पांच जिलों पलवल, फरीदाबाद, महेंद्रगढ, नारनौल व गुरूग्राम का जोनल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जोकि अब इस योजना को सभी जिलों में निगरानी करेंग
े।एस.ई. रावत ने बताया कि जिले के विभिन्न क्षेत्रो में जल का स्तर काफी नीचे चला गया है, जिसके कारण जिले के कई भागों में जल संकट बना हुआ है। लोगो को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जलस्तर के निरंतर गिरने से प्रत्येक व्यक्ति की चिंता को बढ़ा दिया है। जल की इस समस्या से निपटने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के 95वें जन्म दिवस के अवसर पर दिल्ली में अटल भूजल योजना की शुरुआत की। इस योजना के माध्यम से भूजल का प्रबंधन किया जाएगा और देश के हर घर तक पीने के स्वच्छ पानी को पहुंचाने की योजना पर कार्य किया जाएगा। देश में निरंतर घटते जा रहे भूजल (ग्राउंड वॉटर) की समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने अटल भूजल योजना का शुभारंभ किया है। अटल भूजल योजना का मुख्य उद्देश्य भूजल की मात्रा को बढ़ाना और किसानों को खेती करने के लिए पर्याप्त मात्रा में जल भंडारन करना है। इस योजना का क्रियान्वयन जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अटल भूजल योजना को केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय की ओर से लागू किया गया है। इस योजना के अंतर्गत देश के ऐसे क्षेत्रो पर फोकस किया गया है, जहां जल की समस्या से लोगो का बहुत ही बुरा हाल है। अटल भू जल योजना के लिए 6000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, इसमें से 3000 करोड़ रुपए विश्व बैंक और 3000 करोड़ रुपए केंद्र सरकार देगी। इस योजना पर पांच वर्षों में 6000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे, जिसमें से लगभग 700 करोड़ रुपए हरियाणा राज्य में खर्च किया जाएगा। पांच वर्ष की अवधि के लिए इस योजना को प्रदेश के 14 जिलों में चिन्हित क्षेत्रों के छत्तीस खंडो में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि हम भूजल दोहन के कारणों की बात करें, तो इसमें मुख्य रूप से खेती और घरेलू इस्तेमाल में अनावश्यक इस्तेमाल होने वाला पानी शामिल है। इसके अतिरिक्त जनसंख्या वृद्धि, जलवायु परिवर्तन और पानी संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी अत्यधिक भूजल के दोहन के लिए जिम्मेदार है। इन्हीं सब मुश्किलों से निकलनें की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम अटल भूजल योजना है। इस योजना के अंतर्गत भूजल के दोहन को कम करने के प्रयास के साथ-साथ भूजल की मॉनिटरिंग भी की जा सकेगी। भारत में भूजल एक बहुत ही बड़ी समस्या है, और वर्तमान की स्थितियों को देखते हुए भारत सरकार का यह एक सरहानीय कदम है, जिसके लिए जिला के खंड हथीन की रूपडाका ग्राम पंचायत में डी.आई.पी. टीम द्वारा निरंतर बैठकों का आयोजन किया जा रहा है और ग्रामवासियो द्वारा भूल जल समस्य्या से निपटने के लिए लोगों के विचारो पर विमर्श किया जा रहा है। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधीक्षक अभियंता गुरुग्राम डा. शिव सिंह रावत ने ग्राम पंचायत रूपडाका में सिंचाई विभाग के अधिकारियों व डिस्ट्रिक्ट इम्प्लीमेंटेशन पार्टनर अर्थात एम.आर.आई. के साथ ग्राम स्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में अधिकारियो को योजना के सफल परिणाम के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगो को जागरूक करने के निर्देश दिए गए, जिसमें जल बजट और जल सुरक्षा योजनाओं के विकास सहित सामुदायिक लामबंदीय जल उपयोगकर्ता एसोसिएशन का गठन, आंकड़ा संग्रहण, सूचना, शिक्षा और संचार आदि गतिविधियां भी शामिल हैं। डा. शिव सिंह रावत ने डी.ई.पी. के वाटर सिक्यूरिटी प्लान को देखा और अपने अच्छे इनपुट्स दिए, जिससे की गांव की एक अच्छी वाटर सिक्यूरिटी प्लान बन सके, जिसमे हर इंसान को फायदा पहुचें। जल के बचत में साथ ही साथ भूजल स्तर एवं इसकी गुणवक्ता से सम्बंधित विषयों और चुनोतियों पर चर्चा की गई। डा. शिव सिंह रावत ने डी.ई.पी. को वाटर सिक्यूरिटी प्लान को बेहतर बनाने का निर्देश दिया। साथ ही साथ उन्हें एक गांव का पूर्ण डॉक्यूमेंटेशन बनाने का निर्देश दिया। इस मौके पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों में वारिश खान सूकेडिय़ा, मोहित कुमार, सद्दाम हुसैन उटावड, प्रोफेसर रहीस झांडा, सरपंच हुसैन रूपडाका, मुखर्जी, मनोहर लाल, आकाश व मास्टर इकबाल खान सहित अन्य गांव के लोगों ने भी पानी की समस्याओं पर अपने-अपने विचार सांझा किए।
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