तावडू : चौधरी चरण सिंह किसानों के नेता थे। उनके द्वारा तैयार जमींदारी उनमूलन विधेयक राज्य के कल्याणकारी सिद्धान्त पर आधारित था। उन्होंने 1954 में उत्तर प्रदेश भूमि संरक्षण कानून पारित कराया।
ांग्रेस में उनकी छवि 1 कुशल कार्यकर्ता की स्थापित हुई। देश की आजादी के बाद वे राष्ट्रीय स्तर के नेता तो नहीं बन सके, लेकिन राज्य विधान सभा में उनका काफ ी प्रभाव था। यह विचार किसान नेता चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में हैफेड चेयरमैन राजेश सहरावत उर्फ रज्जू ने रखे। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी से लेकर प्रधानमंत्री तक बने चौधरी चरण सिंह ने ही भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे पहले आवाज बुलंद की थी। उन्होंने आहवान किया था कि भ्रष्टाचार का अंत ही देश को आगे ले जा सकता है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी चौधरी चरण सिंह प्रगतिशील विचारधार वाले व्यक्ति थे। वे जमीन से जुडे नेता थे और कृषि विभाग उन्हें पसंद था। चरण सिंह स्वभाव से भी कृषक थे व कृषक के हितों के लिए प्रयास करते रहे। उन्होंने कहा कि हम सभी को उनके जीवन से प्ररेणा लेकर उनके दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए।
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