सेंकड़ों किलोमीटर कि दांडी यात्रा रंग लाई उर्दू समेत अल्प भाषाओं कों मिलेंगें सभी अधिकार

Khoji NCR
2020-12-23 10:22:43

साबिर कासमी ने जयपुर पहूंच कर वक्फ बोर्ड के चेयरमैन डॉ खानू खान बुधवाली को दी मुबारकबाद खोजी साहून खांन नूंह पिछले 51 दिन से उर्दू बचाने कि मुहिम प्रदेश भर में चल रही थी उर्दू भाषा बचाने को

ेकर दर्जनों सगंठन सक्रिय रूप से काम कर रहे थे राजस्थान में उर्दू भाषा को बचाने की खातिर चूरू से शुरू कि गई 51 दिन पहले शमशेर भालू खां कि दांडी यात्रा का असर अब महसूस होना शुरू हो गया है। वर्ष 2020 जूलाई से जारि शिक्षा सत्र मे स्कूली आनलाइन शिक्षा के माध्यम से मिल रही सभी विषयों कि शिक्षा के साथ उर्दू शिक्षा ना दिए जाने एक रोष व्याप्त था इस मामले में अल्पसंख्यक समुदाय में सरकार के प्रति लोगों में आक्रोश फैल गया था जिस के बाद राज्य भर में दर्जनों सगंठन उर्दू जबान के अधिकारों व हितों की रक्षा बहाल कराने हेतू जहां सक्रिय नजर आए वहीं शिक्षा मंत्री अरविंद सिंह कि इस कार्य शैली के विरोध में लोग विभिन्न जिलों से सडकों पर उतर कर शिक्षा मंत्री के इस्तीफे कि मांग करने लगे इस मामले में शमशेर भालू खां कि दाडीं यात्रा ने मुख्य भूमिका निभाई और उन कि तरफ से ऊर्दू बचाओ आंदोलन के तहत 600 किलोमीटर कि पद यात्रा निकाली गई जिस के सामने सरकार ने समर्पण करते हुए जल्द समाधान करने कि बात कि और सभी मांगों पर सहमति जताई जिस के अब आदेश भी जारी किए जाने कि खबर सामने आई है इस पुरे घटनाक्रम के बाद कांग्रेस कि गहलौत सरकार ने सकारात्मक रवैया अपनाने का फैसला लिया है उल्लेखनीय है कि अब से पहले हुई बेठक में शिक्षा मंत्री से उक्त बिंदु 2 से लेकर 9 तक ठाकुर शमशेर भालू खां के साथ शिक्षा मंत्री कि चर्चा हो कर सहमति बनी थी। सहमति बनने के बाद अब सरकार ने लगभग सभी बिंदुओं से संबंधित आदेश पारित कर दिए हैं, शिक्षा मंत्री से हुई मिटिंग में उर्दु बचाओ आंदोलन राजस्थान अलवर मेवात से सक्रिय भूमिका निभाने वाले समाजसेवी साबिर कासमी ने जयपुर वापसी के बाद प्रेस को जारी बयान में यह बातें बताई उन्होंने बताया कि बिंदु एक कि लड़ाई में कुछ कानूनी अड़चनें है उम्मीद है कि सरकार के माध्यम से दी गई समय सीमा तक ये अड़चनें भी दूर कर दि जाएगीं अन्यथा ऐसा ना हुआ तो हम सब साथ मिलकर फिर ठाकुर शमशेर भालू खां के नेतृत्व में उर्दू भाषा कि लडाई जारी रखेंगे उन्होंने कहा कि कक्षा 6से 8 के बच्चों के लिए उर्दू सहित सभी अल्पभाषाओं के पढ़ने के आदेश आ चुके हैं कक्षा 9,10,में उर्दू की सुविधा प्रदान की जाएगी ,ओर 11,12 कक्षा में स्कूल स्तर से प्रस्ताव भिजवाने पर उर्दू विषय जारी कर दिया जाएगा शिक्षा मंत्री से हुई मिटिंग में अल्पभाषा प्रकोष्ठ के गठन करने हेतू लेटर भी शमशेर भालू खां के माध्यम से प्राप्त हुआ हैं, शमशेर भालू खां ने बताया कि उर्दू मीडियम स्कूलो के आदेश जारी हो चुके हैं और उनकी समीक्षा चल रही है उन्होंने कहा कि स्टाफिंग पैटर्न से प्रभावित सभी उर्दू टीचर्स को पुन उर्दू अध्यापक के पद पर बहाल कर दिए जाएगा ,इस का आश्वासन भी सरकार ने स्पष्ट तौर पर लेटर द्वारा दिया है।शिक्षा मंत्री अरविंद सिंह डोटासरा कि मिटिंग में शामिल हुए राजस्थान वक्फ चैयरमैन खानू खान बुधवाली ने बयान दिया कि उर्दू भाषा समेत अल्प भाषाओं के हितों के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के फैसले का में आभार व्यक्त करता हूँ कि जिन्होंने पूर्व में उर्दू विषय को लेकर हुई वार्ता के अनुसार बिंदु 2 से 9 तक के आदेश शिक्षा विभाग द्वारा मान लेने के बाद जारी कर दिए गए है।उन्होंने कहा कि मेवात क्षेत्र में उर्दू आंदोलन का नेतृत्व कर रहे जमियत उलेमा से साबिर कासमी और राजस्थान में दांडी यात्रा करने वाले शमशेर भालू खां ने आज मेरे निजी निवेश जयपुर में आकर इस संबंध में मुलाकात कि डाक्टर खानू खान ने कहा कि हर्ष का विषय है कि मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री ने मेरे द्वारा अल्पसंख्यक समाज कि उर्दू मांगों पर विशेष ध्यान देते हुए उर्दू विषय के तमाम आदेशों को प्रदान करवा दिया है मदरसा पैराटीचर्स का नियमितीकरण अन्य संविदा कर्मियों के साथ गठित मंत्रिमंडल कमेटी द्वारा जल्द समाधान कर दिया जाएगा। वही जयपुर में ऊर्दू बचाओ अभियान के तहत राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष कायम खानी ने सरकार के फैसले से असहमति जताते हुए ना खुश नजर आए उन्होंने अशोक गहलोत सरकार को सीधे तौर पर शिक्षा मंत्री डोटासरा को उर्दू भाषा को लेकर मचे बवाल का दोषी ठहराया है उन्होंने कहा कि राज्य सरकार व वक्फ बोर्ड चेयरमैन ने उर्दू व मदरसा शिक्षा के साथ खिलवाड़ किया है राजस्थान में शिक्षा राज्यमंत्री ने मुख्यमंत्री को गुमराह किया है इस के अलावा मुख्यमंत्री की क्षवि को धूमिल किया है।उन्होंने कहा कि मदरसा शिक्षा सहायक भर्ती 2013 के 6000 पदों का रिजल्ट जारी करने पर भी कोई आदेश जारी नहीं हुए उर्दू टीचर्स की भर्ती व उर्दू की किताबों की मांग को नकार दिया। गया है उन का कहना था कि 13 दिसम्बर 2004 के निर्देशों की पालना करवाने का झूंटा आश्वास दिया गया है उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार नहीं मानी तो प्रदेशभर में उर्दू के उत्थान के लिए सभी संगठनों से तालमेल कर आंदोलन को तेज किया जाएगा ।

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