नई दिल्ली, । भारत के हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रॉन कोविड का ऐसा वेरिएंट है, जो वैक्सीन या फिर पहले हुए इंफेक्शन से मिली एंटीबॉडीज़ को चकमा देने में सक्षम है। हालांकि, ऐसा कोई मामला सा
ने नहीं आया है जिससे यह साबित हो सके कि यह वेरिएंट दोबारा संक्रमित करने में भी सक्षम है। एक व्यक्ति की प्रतिरक्षा पहले हुए संक्रमण या फिर वैक्सीन के कारण हुए लक्षणों के मूल वायरस को याद रखती है। लेकिन, क्योंकि ओमिक्रॉन एक ऐसा वेरिएंट, जो अपने मूल कोविड स्ट्रेन से काफी अलग हो गया है, इसमें कई असमानताएं हैं। जिसकी वजह से हमारा इम्यून सिस्टम से पहचानने में विफल हो रहा है और इसलिए लोग दोबारा कोविड से संक्रमित हो रहे हैं। इसके अलावा पहले हुए इंफेक्शन की वजह से प्राकृतिक इम्यूनिटी पर भी असर पड़ता है, जिससे दोबारा संक्रमण का ख़तरा बढ़ जाता है। क्या ओमिक्रॉन से दोबारा संक्रमित हो सकते हैं? मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि ए व्यक्ति कोविड से दोबारा संक्रमित हो सकता है, लेकिन ओमिक्रॉन के ऐसे मामले अभी तक सामने नहीं आए हैं। यूके के इंपीरियल कॉलेज लंदन के नेतृत्व में हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि ओमिक्रॉन में दोबारा संक्रमण का जोखिम डेल्टा वेरिएंट की तुलना में 5.4 गुना अधिक है। ओमिक्रॉन पुन: संक्रमण का कारण बनता है क्योंकि इसमें 'प्रतिरक्षा को चकमा देने की क्षमता' होती है - इसका मतलब है कि जिन लोगों को पहले संक्रमण हुआ था और उनके पास एंटीबॉडीज़ थी, या जिन्हें टीका लगाया गया था और एंटीबॉडी हैं, या दोनों हैं, जिन्हें 'हाइब्रिड प्रतिरक्षा' के रूप में जाना जाता है।" ओमिक्रॉन के स्पाइक प्रोटीन पर 30 से अधिक उत्परिवर्तन होते हैं, जो इसे प्रतिरक्षा से बचने में मदद करते हैं। इसलिए यह उन लोगों को भी संक्रमित कर रहा है, जिनके पास पहले से एंटीबॉडीज़ थीं। हालांकि, अभी तक ऐसे तथ्य नहीं मिले हैं, जिससे यह साबित हो सके कि इन लोगों ओमिक्रॉन दोबारा हो सकता है या नहीं। विदेशी एक्सपर्ट्स की है अलग राय हालांकि, कुछ पश्चिमी एक्सपर्ट्स का मानना है कि ओमिक्रॉन संक्रमण दोबारा हो सकता है। रटगर्स न्यू जर्सी मेडिकल स्कूल के प्रोफेसर स्टेनली वीस ने एक मीडिया रिपोर्ट में कहा था, " हां, आप दो बार ओमिक्रॉन से संक्रमित हो सकते हैं।" वहीं, वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर विलियम शैफनर ने रिपोर्ट में कहा, "हालांकि, विशेष रूप से ओमिक्रॉन के बारे में डेटा अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन यह सोचने का कोई कारण नहीं है कि इस संबंध में ओमिक्रॉन पिछले वेरिएंट से अलग है।" हालांकि, ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन में प्रायोगिक इम्यूनोलॉजी के प्रोफेसर किंग्स्टन मिल्स ने कहा कि जो लोग ओमिक्रॉन वायरस से संक्रमित हुए हैं, वे इतनी जल्दी दोबारा संक्रमित नहीं होंगे। फाइनेंशियल टाइम्स के हवाले से मिल्स के हवाले से कहा गया है कि छह महीने के समय में तस्वीर साफ हो सकती है।
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