तावडू, 19 जनवरी (दिनेश कुमार): दाल व सब्जियों के बढ़ रहे दामों ने रसोई का संतुलन बिगाड़ दिया है, जिससे गृहणियों में रोष व्याप्त है। गृहणियों का मानना है कि पिछले लंबे समय से दालों के दाम इतने चढ़ ग
े हैं कि अब दाल मध्यवर्गीय परिवार कि थाली से बहार निकलने लगी है। इन दिनों दालों के बढ रहे दामों ने रसोई को बजट बिगाड कर रख दिया है। इसलिए अब मध्यवर्गीय परिवार के लोग भी यह कहना छोड़ चुके कि दाल रोटी मिल रही है। जिससे गृहणियों में सरकार के प्र्रति नाराजगी स्पष्ट झलक रही है। नारी प्रगति मंच शहर संयोजिका सीमा रानी, रेखा रानी, कमलेश, सोनी, रंजना, प्रवीन रानी, वीना, बबली, कुसुम लता, सुमन रानी, सीमा, सरोज बाला, पूजा आदि ने बताया कि बढ़ती महंगाई से गृहणियों में सरकार के प्र्रति नाराजगी स्पष्ट झलक रही है। गृहणियों ने बताया कि पहले गरीब आदमी भी यह कहकर कि दाल रोटी मिल रही है, अपना मन हलका कर लेता था । लेकिन दालों व सब्जियों के बढ़ रहे दाम अब लोगों की थाली से दालों सहित सब्जी को भी बाहर ले जा रहे हैं। गृहणियों ने सरकार से बढ़ रही महंगाई पर रोक लगाने की मांग की है।
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