नई दिल्ली, कोविड-19 संक्रमण से बचने के लिए कई एक्सपर्ट्स विटामिन-डी लेने की सलाह देते हैं। विटामिन-डी का उत्पादन शरीर में उस वक्त होता है, जब स्किन सूरज की किरणों के संपर्क में आती है। घर के अंदर
हने से शरीर में विटामिन-डी कम होने लगता है। कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच, सभी लोगों को ज़्यादा से ज़्यादा घर में रहने की सलाग दी जा रही है, ऐसे में शरीर में विटामिन-डी के स्तर को टेस्ट करना भी ज़रूरी हो गया है। विटामिन-डी की ज़रूरत जबकि कोविड-19 उपचार में विटामिन-डी के प्रभाव का कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं मिला है, लेकिन सूजन को नियंत्रित करने में इसकी भूमिका के कारण इसे विशेषज्ञों द्वारा एक निवारक उपचार माना जा रहा है। कोविड-19 संक्रमण से मायोकार्डिटिस, माइक्रोवैस्कुलर थ्रॉम्बोसिस और/या साइटोकाइन स्टॉर्म होता है, जिनमें से सभी में सूजन शामिल है। विटामिन-डी की प्राथमिक भूमिका प्रतिरक्षा को बढ़ावा देना और सूजन को कम करना है, शायद यही वजह है कि कोरोना को रोकने के लिए विटामिन-डी का सेवन बढ़ाने की सलाह दी जाती है। विटामिन-डी की कमी को भड़काऊ साइटोकिन्स में वृद्धि से जोड़ा गया है। एक्सपर्ट्स का क्या कहना है? मिनियापोलिस के मिनेसोटा विश्वविद्यालय के संयुक्त राज्य अमेरिका में शोधकर्ताओं के एक समूह का कहना है, "हमारी राय है कि अगर विटामिन-डी वास्तव में निमोनिया / एआरडीएस, सूजन, भड़काऊ साइटोकिन्स और थ्रॉम्बोसिस के संबंध में कोविड की गंभीरता को कम करता है, तो सप्लीमेंट्स महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए अपेक्षाकृत आसान विकल्प प्रदान करेंगे।" शोधकर्ताओं का मानना है कि विटामिन-डी की कमी का संबंध थ्रॉम्बोसिस से है, जो कोविड-19 में काफी देखा जाता है। मोटापे और मधुमेह के रोगियों में विटामिन डी की कमी अधिक पाई गई है। इन स्थितियों में कोविड-19 से मृत्यु का ख़तरा बढ़ जाता है। तो क्या करना चाहिए? विटामिन-डी सप्लीमेंट लेने से पहले मेडिकल एक्सपर्ट की सलाह ज़रूर लेनी चाहिए। इसके अलावा, दिन में कुछ देर धूप में भी ज़रूर बैठना चाहिए। अपनी रोज़ाना की डाइट में विटामिन-डी से भरपूर फूड्स भी ज़रूर शामिल करने चाहिए। सेलमन, कॉड लीवर ऑयल, मशरूम, गाय का दूध, सोया मिल्क, और अंडे विटामिन-डी के बड़े स्त्रोत हैं।
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