नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोविड-19 वैक्सीन के आने पर हम सभी को काफी राहत मिली थी। वैक्सीन न सिर्फ गंभीर संक्रमण से बचाने में मददगार साबित होती है, बल्कि अस्पताल में भर्ती और संक्रमण से मौत के
जाखिम को भी कम करती है। हालांकि, अब भी कोरोना वायरस के नए-नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं, ऐसे में क्या वैक्सीन प्रभावी साबित हो रही हैं? क्या वैक्सीन के बाद भी ओमिक्रॉन से संक्रमित हो सकते हैं? हाल में हुई स्टडी बताती है कि कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन, वैक्सीन से मिली इम्यूनिटी को चकमा देने में सक्षम है। यह देखते हुए कि स्पाइक प्रोटीन में इसके 30 से अधिक उत्परिवर्तन हैं, विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक प्रतिरक्षा-बचाव तंत्र विकसित कर सकता है, जो इसे वैक्सीन की सुरक्षा से बचने में मदद करती है। जबकि जिन लोगों को अभी तक वैक्सीन नहीं लगी है, उनके लिए इस वायरस से संक्रमित होने का ख़तरा बढ़ जाता है, साथ ही गंभीर बीमारी विकसित होने का जोखिम भी अधिक रहता है। सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के अनुसार, "मौजूदा वैक्सीन के डोज़ किसी भी व्यक्ति को ओमिक्रॉन से गभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती और संक्रमण के कारण मौत से बचाएंगे। हालांकि, जिन लोगों को वैक्सीन लग चुकी है, उन्में इस संक्रमण के हल्के लक्षण देखे जा सकते हैं। वैक्सीन लगने के बावजूद हो सकता है कोविड कोविड-19 वैक्सीन SARs-COV-2 वायरस के खिलाफ काफी हद तक सुरक्षा प्रदान करती है, लेकिन स्टडीज़ का कहना है आधी या फिर पूरी वैक्सीन लगने के बाद भी व्यक्ति को हल्का संक्रमण हो सकता है। इसका मतलब यह हुआ कि अगक एक व्यक्ति को एक या वैक्सीन की दोनों डोज़ लग चुकी हैं, और वह वायरस के संपर्क में आता है, तो उसमें या तो हल्के लक्षण दिखेंगे, या फिर वह एसिम्पटोमैटिक रहेगा। कुछ मामलों में गंभीर बीमारी भी हो सकती है लेकिन अस्पताल में भर्ती होना या फिर वायरस के कारण मौत दुर्लभ परिस्थितियों में देखी जाएगी। वैक्सीन लगने के बाद इन लक्षणों पर रखें नज़र ऐसा देखा गया है कि नया संस्करण पहले के मौजूदा वेरिएंट, विशेष रूप से डेल्टा की तुलना में हल्का है। डॉक्टरों ने नोट किया है कि अधिकांश संक्रमित रोगियों में सर्दी जैसे लक्षण विकसित होते हैं, और अपने आप ठीक हो जाते हैं। ऐसे में जिन लोगों ने कोविड की दोनों डोज़ लगवा ली हैं, उन्हें गले में ख़राश या तकलीफ को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। यहां तक कि यूके का ZOE Covid अध्ययन एक भी यही राय है और लगातार लोगों से अपने लक्षणों को हल्के में नहीं लेने का आग्रह किया जा रहा है। गले में ख़राश के अलावा, कुछ अन्य ओमिक्रॉन लक्षणों में थकान, बुख़ार, शरीर में दर्द, रात को पसीना, छींकना, नाक बहना, मतली और भूख न लगना शामिल हैं। टेस्ट कराएं और आइसोलेट करें अगर आप ऊपर बताए गए लक्षणों में से किसी का भी अनुभव हो रहा है, तो ज़रूरी है कि आप खुद का टेस्ट करवाएं और तब तक आइसोलेट करें जब तक लक्षण चले नहीं जाते। CDC ने हाल ही में आइसोलेशन की गाइडलाइन्स में कुछ बदलाव किए हैं और लोगों को सलाह दी है कि वे अब कोविड-19 पॉज़ीटिव होने पर 5 दिनों के लिए आइसोलेट करें। अगर किसी में लक्षण नहीं है या फिर लक्षण बिना बुखार के 24 घंटों में चले जाते हैं, तो कम से कम 5 दिनों तक लगातार मास्क पहने रखें, खासतौर पर दूसरे लोगों से मिलने पर। दिशानिर्देशों की अनदेखी न करें हाल ही में जो कोविड-19 के मामले आ रहे हैं, वे हल्के हैं, एक्सपर्ट्स फिर भी लोगों से आग्रह कर रहे हैं, कि बचाव के लिए सभी आदेशों का पालन करें। ओमिक्रॉन ने कई देशों को प्रभावित किया है और लगातार इसके मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए मास्क पहनें, शादी या फिर ऐसे किसी भी बड़े आयोजन का हिस्सा न बनें, शारीरिक दूरी बनाए रखें और भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहें। किसी भी तरह के लक्षण को नज़रअंदाज़ न करें और फौरन टेस्ट कराएं और आइसोलेट करें।
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