बहुत ज्यादा तली-भुनी चीज़ें, जंक फूड, नॉन वेज के सेवन से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है जो आगे चलकर हार्ट अटैक और स्ट्रोक की वजह बन सकता है। हमारे शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल पाए ज
ते हैं गुड और बैड। गुड को हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) के नाम से जाना जाता है और बैड को लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) के नाम से। तो समय-समय पर इसकी जांच कराते रहें और अगर लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन की मात्रा शरीर में ज्यादा हो गई है तो डॉक्टर द्वारा बताए गए जरूरी एतिहात बरतें। इसके साथ ही यहां बताए जा रहे आसनों को भी अपने डेली रूटीन में शामिल करें। उत्तानपादासन यह आसन पेट के अंगों को मजबूत बनाता है और अंगों की मालिश करता है। पाचन तंत्र, पीठ के निचले भाग, हिप्स और जांघों से जुड़ी समस्याओं में बहुत ही लाभदायक है यह आसन। करने का तरीका पीठ के बल लेट जाएं। हाथों को सिर के पीछे या हिप्स के नीचे रख लें। सांस भरते हुए दोनों पैरों को ऊपर उठाएं जितना आप उठा सकते हैं। तीन से पांच सेकेंड रूकें रहें। फिर सांस छोड़ते हुए पैरों को नीचे लेकर आएं। 4 से 5 बार करना फायदेमंद रहेगा। शलभासन शलभासन लीवर और पेट के अंगों को एक्टिव करता है। जिसके ये सही तरीके से काम कर पाते हैं। आमाशय और आंत की बीमारियां भी इस आसन को करने से दूर होती हैं। करने का तरीका पेट के बल लेट जाएं। हाथों को अपनी कमर के पास रखें। सांस भरते हुए शरीर के ऊपरी और निचले हिस्से को उठाने की कोशिश करें। जब आपकी बॉडी हवा में रहेगी तब सांस रोक कर रखें फिर सांस छोड़ते हुए वापस आ जाएं। इस अभ्यास को 3 से 5 बार दोहराएं। पश्चिमोत्तानासन यह आसन लीवर और किडनी को एक्टिव करने का काम करता है। साथ ही इससे मोटापा भी कम होता है। अंदरूनी अंगों पर जमे फैट से भी छुटकारा दिलाता है। करने का तरीका सांस भरते हुए हाथों को ऊपर ले जाएं और सांस छोड़ते हुए सामने की ओर झुकें। हाथों को मैट पर रखें या पैर के पंजों को पकड़ने की कोशिश करें। कुछ सेकेंड तक इस स्थिति में बने रहें फिर वापस आएं। इसे भी 3 से 5 बार करेंगे। अर्ध मत्स्येंद्रासन अर्धमत्स्येन्द्रासन योग ब्लड में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित रखता है। पेट के अंगों की मालिश करता है, लीवर को एक्टिव कर हेल्दी रखता है। कोलेस्ट्रॉल कम करने के साथ डायबिटीज़ पेशेंट्स के लिए भी बहुत ही असरदार है यह योग। करने का तरीका दंडासन यानी पैरों को सीधा करके बैठ जाएं और फिर किसी एक पैर को मोड़कर जो पैर सीधा है उसके जांघों के पास टिका लें। अब जो पैर ऊपर है उसके विपरीत हाथों को घुटने के पास दिखाए गए चित्र के अनुसार रखें। इस स्थिति में तीन से पांच बार सांस लें। अब वापस आकर दूसरी ओर से इसे दोहराएं। इसे भी 3 से 5 बार करने की कोशिश करें। इस आसन को दोनों ही तरीकों से किया जा सकता है तो जिसमें आप कंफर्टेबल हों वै करें। जानु सिरासन जानु सिरासन का सीधा असर हमारी किडनी पर असर पड़ता है। अंदरूनी अंगों पर जो चर्बी जम जाती है इस आसन को करने से वो कम होती है। करने का तरीका एक पैर को सीधा रखें और दूसरे को मोड़ लें। सांस भरते हुए हाथों को ऊपर लेकर जाएं और सांस छोड़ते हुए आगे की तरफ झुकें। 10 सेकेंड झुकें रहें। 3-5 बार इस आसन को करना होगा।
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