जिला नूह को मिला जीरो ड्राप आउट मिशन के लिए गुड गवर्नेंस अवार्ड

Khoji NCR
2021-12-25 13:08:43

सोनू वर्मा, ख़ोजी एनसीआर नूहं। भारत रत्न मदन मोहन मालवीय एवम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय सुशासन दिवस कार्यक्रम में जिला विज्ञान वि

ेषज्ञ कुसुम मलिक के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किये गए नवाचार "जीरो ड्राप आउट मिशन " को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के द्वारा सम्मानित किया गया। उनके साथ जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी डॉ अब्दुल रहमान खान एवम डॉ पवन यादव प्रवक्ता जीव विज्ञान को भी सम्मानित किया गया। क्या है ज़ीरो ड्रॉपआउट मिशन मेवात क्षेत्र में महिलाओं की शिक्षा दर बहुत कम है इसी को ध्यान में रखकर शिक्षा विभाग की रसायन शास्त्र प्रवक्ता कुसुम मलिक की रचनात्मक सोच से क्षेत्र में "ज़ीरो ड्रॉपआउट मिशन" की शुरुआत हुई जिसको समुदाय, गैर सरकारी संगठनों और युवाओं का पूरा सहयोग मिला I जीरो ड्रॉपआउट मिशन के तहत प्रत्येक बच्चे , विशेष रूप से लड़कियो जो इस क्षेत्र में सामाजिक आर्थिक स्तिथि और रीति रिवाजो के कारण बहुत वंचित स्तिथि में है , को स्कूल में दाखिला देकर स्कूली शिक्षा को सही दिशा देने के लिए जिले में ड्राप आउट लड़कियों की पहचान करने और उन्हें वापस स्कूलों में भेजने के लिए कार्य किया।यह मेवात में ड्रॉपआउट को रोकने में एक मील का पत्थर साबित हो रही है I जिला शिक्षा अधिकारी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, उपायुक्त एवं जिला प्रशासन के सभी अधिकारियों का इस मिशन को आगे बढ़ाने में बेहतरीन मार्गदर्शन और प्रेरणा मिलती रही हैं। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी अब्दुल रहमान ने कहा की यदि हमें मेवात जैसे क्षेत्र में महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा देना है तो विभाग के कर्मचारियों के साथ साथ लोगों को और अधिक जागरूक होकर आगे आना होगा और शिक्षा के लिए काम करना पड़ेगा। जिस प्रकार से कुसुम मलिक उनके साथी डॉ पवन यादव अन्य अध्यापक साथ ही केयर इंडिया जैसी एनजीओ आगे बढ़ कर कार्य किया जिससे लड़कियों की स्कूल छोड़ने की दर में बहुत कमी आई है जो एक उल्लेखनीय कार्य है जो एक दिन मेवात में महिलाओं की शिक्षा में जरूर परिवर्तन लेकर आएगी। जीरो ड्रॉप-आउट मिशन" के द्वारा किये गये प्रयासों द्वारा लड़कियों के नामांकन में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई और नूंह जिले में स्कूल छोड़ने की दर में कमी आई है। इस मिशन के परिणामों ने सरकारी अधिकारियों और शिक्षा विभाग को लड़कियों के नामांकन में सुधार और ड्रॉपआउट कम करने के लिए निम्नलिखित उपायों का सुझाव दिये- स्कूल शिक्षक और माता-पिता के बीच एक सकारात्मक पारिवारिक संबंध छात्राओं के साथ, स्कूलों में कुछ नौकरी / कौशल केंद्रित कार्यक्रम के बीच संबंध स्थापित करना, केंद्रित कम उपस्थिति, पढ़ाई में ध्यान की कमी, छात्रों की जरूरतों के साथ सीखने की प्रासंगिकता के बारे में शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए, पाठ्यचर्या छात्र अनुकूल होना चाहिए, मोहल्ला पाठशाला की अवधारणा पूरे जिले में और साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में ड्रॉपआउट को कम करने मे बहूत बड़ा रोल निभा सकती है।

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