साहून खांन नूंह हरियाणा का आर्थिक एतबार से सबसे कमजोर जिला सरसों के उत्पादन में सबसे अव्वल जिलों की सूची में शामिल है। राज्य में रेवाड़ी के बाद नूंह जिले का नंबर सरसों उत्पादन में दूसरे स्थ
न पर आता है। इस जिले में पैदा होने वाली सरसों के उत्पादन के साथ - साथ गुणवत्ता का भी कोई सानी नहीं है। कृषि विभाग के क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर डा. अजय तोमर ने जानकारी देते हुए बताया कि जो आजकल कड़ाके की ठंड पड़ रही है। उससे सरसों की फसल को नुकसान हो सकता है, लेकिन नुकसान से बचाने के लिए किसान भाई इन फसलों की सिंचाई करें और अगर सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं हैं तो खेतों के आस पास शाम के समय हल्का धुंआ करें ताकि फसलों को ठंड से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार ने नंूह जिले के कृषि विभाग को 24000 हेक्टेयर भूमि में सरसों की बिजाई का लक्ष्य दिया था , लेकिन कृषि विभाग ने 29000 हेक्टेयर भूमि में सरसों की बिजाई कराई है , जो लक्ष्य से 5000 हेक्टेयर अधिक है। तोमर ने बताया कि इस बार सरसों की फसल अच्छी है और फिलहाल पीले - पीले फूल सब को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं । कुछ दिन बाद सरसों में फलिया आना शुरू हो जाएंगी। कुल मिलाकर बसंत ऋतु आने वाली है और उससे पहले सरसों की फसल खेतों में लहरा रही है। किसान इस फसल को कैश क्रॉप मानता है । भाव अच्छा मिले और उत्पादन ठीक हो तो किसान की आर्थिक स्थिति भी बेहतर हो जाती है। कुल मिलाकर इस बार सरसों की फसल की अच्छी पैदावार की उम्मीद कृषि विभाग से लेकर किसान तक कर रहे हैं।
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