कुरुक्षेत्र, 14 दिसंबर(सुदेश गोयल): अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में आयोजित राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में हरियाणा वन विकास निगम का स्टाल पर्यटको के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। इस स्टाल पर
िगम द्वारा शीशम की लकडी से तैयार किया गया विभिन्न प्रकार का फर्नीचर उपलब्ध है जो ग्राहकों को बाजार भाव से 10 से 20 प्रतिशत कम दामों पर उपलब्ध करवाया जा रहा है। रोकिंग चेयर पर्यटकों को सबसे अधिक आकर्षित कर रही है और पयर्टक चेयर के साथ सेल्फी भी ले रहे है। हरियाणा वन विकास निगम के निरीक्षक देवी सिंह ने बताया कि निगम द्वारा प्रदेश में सूखे पेडों की पहचान की जाती है और इन्हें काटकर फर्नीचर तैयार किया जाता है। फर्नीचर तैयार करने के लिए निगम की खुद की वर्कशाप हैं। यहां घरेलू और कार्यालयों के लिए जैसे कुर्सी, मेज, डाईनिंग टेबल, अलमारी, बैड, पोडियम, बच्चों के लिए स्टडी टेबल समेत तमाम प्रकार का फर्नीचर तैयार किया जाता है। इस फर्नीचर की बिक्री निगम के जगाधरी, करनाल, पीपली, रेवाड़ी तथा पंचकूला में स्थापित शोरुम से की जा रही है। कोई भी व्यक्ति इन बिक्री केन्द्रों से उचित दाम पर फर्नीचर की खरीद कर सकता है। निगम द्वारा ग्राहक को फर्नीचर खरीदने पर पक्का बिल दिया जाता है और यह गांरटी भी दी जाती है कि फर्नीचर शीशम की लकड़ी से ही बनाया गया है। उन्होंने बताया कि फर्नीचर के अलावा वन विकास निगम द्वारा कांटेदार तार, पौधों की नर्सरी के लिए बैग, पिलर समेत कई अन्य प्रकार की चीजे भी तैयार की जा रही है। देवी सिंह ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2006 में सरकार द्वारा फर्नीचर तैयार करने के लिए वर्कशाप-कम-शोरुम स्थापित किए गए थे। इनकी सफलता को देखते हुए अब निगम द्वारा कई अन्य उत्पाद भी तैयार करने शुरु कर दिए हैं ताकि लोगों को उचित दाम विश्वसनीय उत्पाद उपलब्ध करवाए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा चलाई जा रही योजनाओं एवं इसके द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य को लेकर गांव-गांव में जागरुकता कार्यक्रम भी करवाए जाते हैं। निगम द्वारा इन उत्पादों के प्रचार-प्रसार के लिए गीता जंयती महोत्सव समेत अन्य मेलों में प्रदर्शनी स्टाल भी लगाए जाते हैं। कुरुक्षेत्र में आयोजित इस गीता जंयती महोत्सव में भी इसी उद्देश्य को लेकर स्टाल लगाया गया है। इस स्टाल पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे है और निगम की योजनाओं की जानकारी भी ले रहे है। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पाद लोगों को सहजता से उपलब्ध हों इसके लिए डिमांड भी पहले ही प्राप्त कर ली जाती है। स्टाल के इंचार्ज राजेश सुथार ने बताया कि जिन पेड़ों को काटा जाता है उसे फर्नीचर तैयार किया जाता है और इसके बाद जो लकडी शेष रह जाती है उसकी निलामी करवाई जाती है। फर्नीचर की बिक्री तथा लकड़ी की बोली से निगम को अच्छी खासी आमदनी हो रही है। उन्होंने बताया कि निगम को प्रति वर्ष फर्नीचर व लकड़ी की बिक्री से करोड़ों की रुपये आमदनी हो जाती है और लोगों को विश्वसनीय, बढिय़ा गुणवत्ता का फर्नीचर मिल जाता है।
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