नई दिल्ली, वज़न बढ़ना टाइप-2 डायबिटीज़ का एक संकेत है। यह इंसुलिन थेरेपी की वजह से होता है, जो डायबिटीज़ का एक आम ट्रीटमेंट है। जब इंसुलिन, जो ऊर्जा पैदा करने के लिए ग्लूकोज़ को अवशोषित करने के ल
िए ज़िम्मेदार होता है, प्रक्रिया के दौरान भोजन से बहुत अधिक चीनी को अवशोषित करता है, तो शरीर इसे फैट्स में बदल देता है। शरीर में ज़्यादा फैट्स जमा होने से वज़न बढ़ने लगता है। डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए एक समस्या यह है कि उन्हें इस बात ख़ास ख़्याल रखने की ज़रूरत होती है कि वे क्या खा रहे हैं। इसलिए जब बात आती है वज़न घटाने और हेल्दी वज़न बनाए रखने का, तो उन्हें खाने की अपनी आदतों को लेकर सतर्क रहना चाहिए क्योंकि ख़राब डाइट उनके लक्षणों को बिगाड़ सकती है। वज़न घटाने की बेस्ट डाइट एक नए अध्ययन के अनुसार, टाइप 2 रोगियों के निदान के लिए कम ऊर्जा वाले आहार को शामिल करना सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। यूरोपियन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज़ डायबेटोलोजिया की एक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि जब मधुमेह के मामले में वज़न घटाने और प्रबंधन की बात आती है, तो बहुत कम ऊर्जा वाला आहार और फॉर्मूला सबसे ज़्यादा असरदार साबित होता है। क्या है स्टडी? शोध के अंत में, उन्होंने समझाया कि परिणाम हमेशा सभी के लिए समान नहीं होते हैं, फिर भी कम ऊर्जा वाला आहार मधुमेह रोगी के लिए एक से अधिक फायदे पहुंचा सकता है। इसके अलावा, शोधकर्ताओं की टीम ने यह भी पाया कि वज़न कम करने के लिए टाइप-2 मधुमेह वाले लोगों के लिए 12 सप्ताह तक कम ऊर्जा वाले आहार का सेवन करना और उसके बाद कम वसा वाले उच्च कार्बोहाइड्रेट आहार लेना सबसे प्रभावी था। क्या होता है कम ऊर्ज़ा वाला खाना? बहुत कम ऊर्जा वाली डाइट (VLEDs) का मतलब है ऐसा आहार जिसमें एक व्यक्ति को प्रति दिन 3.4 एमजे (800 किलो कैलोरी) से कम खाना पड़ता है। डाइट में सिर्फ रोज़ का आवश्यक पोषण शामिल होता है। इस डाइट प्रोग्राम का आमतौर पर 8-16 सप्ताह तक पालन किया जाता है, जिससे व्यक्ति को प्रति सप्ताह 1.5-2.5 किलो वज़न कम करने में मदद मिलती है। टाइप-2 डायबिटीज़ के मामले में, यह डाइट लंबे समय तक ग्लूकोज़ चयापचय में सुधार कर सकता है और कुछ किलो वज़न कम करने में मदद कर सकता है। कैसी होती है यह डाइट? बहुत कम ऊर्जा वाली डाइट बीच में पानी के साथ एक दिन में तीन बार भोजन करने की योजना है। डाइट में आमतौर पर बिना स्टार्च वाली, रंगीन सब्ज़ियां और अच्छी गुणवत्ता वाला प्रोटीन होता है। रोज़ाना कम से कम 2 लीटर पानी पीना भी ज़रूरी है। इस डाइट का पालन करते समय, लोगों को कब्ज़ को रोकने के लिए हल्की एक्सरसाइज़ करने का भी सुझाव दिया जाता है। स्नैक्स और शराब का सेवन रोका जाता है क्योंकि वे दैनिक ऊर्जा की मात्रा बढ़ा सकते हैं। इन बातों का रखें ख्याल इस डाइट की वजह से कुछ लोगों में गंभीर साइड इफेक्ट्स और लक्षण बेहद ख़राब हो सकते हैं। इसलिए इस डाइट को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर सलाह करें। मेडिकल चेक-अप के बाद डॉक्टर आपको बता पाएंगे कि आप यह डाइट फॉलो कर सकते हैं या नहीं। इसके अलावा यह डाइट थोड़ा बहुत वज़न घटाने के लिए अच्छी है। लंबे समय तक इस डाइट को फॉलो करने पर कमज़ोरी, कब्ज़ और सांस में बदबू जैसी दिक्कतें आ सकती हैं।
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