लोक गायक डा. मलूआ की पुत्रवधू लक्ष्मी देवी ने किया होडल का नाम रोशन

Khoji NCR
2021-11-28 12:25:08

होडल, डोरीलाल गोला प्रसिद्ध लोक गायक एवं गीतकार स्वर्गीय डॉ. मलुआ सौरोत की पुत्रवधू लक्ष्मी देवी ने 64 वीं राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिता (10 मीटर पिस्टल) के लिए क्वालीफाई किया है। यह प्रतिय

गिता 30 नवंबर 2021 से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित होगी। गौरतलब है कि लक्ष्मी देवी अन्दुआ पट्टी होड़ल निवासी पुष्पेंद्र सौरोत की धर्मपत्नी हैं जो कि भारतीय सेना में नायक पद पर कार्यरत हैं तथा वर्तमान समय में उनकी पोस्टिंग सैनिक अस्पताल पुणे महाराष्ट्र में है। पुष्पेंद्र सौरोत ने फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि लक्ष्मी देवी ने 20 फरवरी 2021 को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 400 में से 374 अंक अर्जित कर संपूर्ण महाराष्ट्र राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त कर स्वर्ण पदक प्राप्त किया था। इसके पश्चात 27 मार्च 2021 को मुंबई में आठवीं वेस्ट जोन शूटिंग चैंपियनशिप प्री नेशनल प्रतियोगिता में 400 में से 370 अंक प्राप्त कर पांचवा स्थान प्राप्त करते हुए राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए अपना स्थान सुनिश्चित किया है। इसके पश्चात लक्ष्मी देवी ने 10 से 30 अक्टूबर 2021 के बीच अहमदाबाद गुजरात में आयोजित ऑल इंडिया जी.वी. मावलंकर प्रतियोगिता को भी उत्तीर्ण कर लिया है। अब वह दिल्ली में आयोजित 64वीं राष्ट्रीय शूटिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर अपने क्षेत्र होड़ल का नाम रोशन करेंगीं। उनके पति पुष्पेंद्र सौरोत ने अपनी पत्नी लक्ष्मी देवी की सफलता का श्रेय अपने माता पिता के आशीर्वाद कमांडेंट ब्रिगेडियर एस.के. वर्मा के सहयोग तथा कोच अशोक सिंह, आनंद बोराडे तथा उज्जवला वराडे के उचित मार्गदर्शन को दिया। 32 वर्षीय लक्ष्मी देवी नागल जाट निवासी सेवानिवृत्त मुख्य अध्यापक रतीराम रावत एवं श्रीमती ओमवती देवी की सुपुत्री हैं। उनकी इस उपलब्धि पर होड़ल क्षेत्र की विभिन्न सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने उन्हें अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के जिला संगठन आयुक्त योगेश सौरोत ने कहा कि लक्ष्मी देवी के इस प्रतियोगिता में क्वालीफाई करने से क्षेत्र की बेटियों का मनोबल बढ़ेगा तथा उन्हें भी मार्गदर्शन प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, केवल उन्हें उचित मार्गदर्शन एवं सहयोग की आवश्यकता है। हम सभी को आगे बढक़र बेटियों को उनकी इच्छा एवं कौशल के अनुरूप प्रदर्शन करने के अवसर उपलब्ध कराने चाहिएं।

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