नई दिल्ली,। हमारा खान-पान और लाइफस्टाइल काफी बिगड़ता जा रहा है, हम बिना सोचे-समझे कुछ भी खा लेते है। तला-भुना और मसालेदार फूड्स हमारी डाइट का अहम हिस्सा बन गए हैं, जिसका साफ असर हमारी सेहत पर देख
े को मिलता है। अच्छी सेहत के लिए बॉडी का बाहर और अंदर से हेल्दी रहना जरूरी है। अंदरूनी सेहत से हमारा मकसद किडनी, त्वचा, फेंफड़े और आंत का हेल्दी होना है। जब बॉडी के अंदरूनी अंगों में कुछ गंदगी जम जाती हैं तो हमारी सेहत बिगड़ने लगती है। अंदरूनी गंदगी की वजह से तनाव, अनिद्रा, कोल्ड एंड फ्लू, अपच और वजन बढ़ने की परेशानी का सामना करना पड़ता है। बॉडी के अंदरूनी अंगों की गंदगी यानी विषैले पदार्थों से मुक्त कराने, पोषण देने और अंगों को आराम पहुंचाने के लिए बॉडी के अंगों का डिटॉक्सिफिकेशन करना बेहद जरूरी है। डिटॉक्सिफिकेशन क्या है? डिटॉक्सिफिकेशन से मतलब है कि खास फूड का सेवन करके बॉडी से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाला। बॉडी से विषाक्त पदार्थों के बाहर निकलने से ना सिर्फ सेहत अच्छी होती, बल्कि वज़न भी कंट्रोल होता है। आइए जानते है बॉडी को डिटॉक्सिफाई करने के लिए किन-किन ट्रिक्स को अपना सकते हैं। बॉडी को डिटॉक्सीफाई करने के लिए लाइफस्टाइल को ठीक करना बेहद जरूरी है। शराब, स्मोकिंग से परहेज़ करें तभी टॉक्सिक सब्सटांसिज पर रोक लगेगी। शराब के सेवन से दिमाग की कार्यक्षमता पर अपर पड़ता है, साथ ही लीवर भी डैमेज होता है। लाइट फूड करें डाइट में शामिल: डिटॉक्सिफिकेशन के प्रोसेस के दौरान बिल्कुल हल्का खाना खाएं, इससे वेट कम होगा साथ ही बॉडी को एनर्जी भी मिलेगी। यदि आपको कोलेस्ट्रॉल या शुगर की शिकायत रहती है तो, हल्का खाना खाने से आपका कोलेस्ट्रॉल और शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहेगा। डिटॉक्स ड्रिंक्स का करें सेवन: बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए ग्रीन टी, शहद, दालचीनी, नींबू, काढ़ा, अदरक की चाय जैसी ड्रिंक्स पीएं। यह ड्रिंक्स अंदर तक बॉडी को साफ करते है। ब्रीदिंग एक्सरसाइज भी है जरूरी: बॉडी के डिटॉक्सिफिकेशन के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ करना ज़रूर है। गहरी सांसें लेने से हेल्थ बेहतर होने के साथ-साथ पूरी बॉडी में ऑक्सीजन अच्छी तरह से फैलती है।
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