तावडू, 19 नवंबर (दिनेश कुमार): सिखों के प्रथम गुरू नानक देवजी की जयन्ती शहर व क्षेत्र में शुक्रवार को श्रद्धा एवं हर्षोल्लास से मनाई गई। कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर गुरू नानक देवजी का जन्म तलवंडी
रायभोय में हुआ। शुक्रवार को गुरूद्वारा से प्रभात फेरी व अखण्ड पाठ का भोग डालकर अरदास करवाई गई। वहीं भंडारे का आयोजन भी किया गया। क्षेत्र मेंं त्यौहार अपनी परम्पराओं के अनुसार मनाये जाते है। इन त्यौहारों पर एक दूसरे के प्रति प्रेम व सौहार्द की भावना दिखाई देती है। उसी तरह शुक्रवार को सिखों के प्रथम गुरू नानक देवजी का जन्मोत्सव श्रद्धा व हर्षोल्लास से मनाया गया। इस दौरान रागियों ने शब्द कीर्तन के द्वारा गुरू नानकदेव जी के जीवन पर प्रकाश डाला। गुरूद्वारे के पाठी ज्ञानी गुरूमीत सिंह ने बताया कि गुरू नानक देवजी का जीवन अनुकरणीय है। जिन्होंने मानवता की रक्षा के लिए अपना जीवन अर्पित कर दिया। ऐसे महान व्यक्तित्व धरती पर कभी कभी जन्म लेते है। यदि हम उनका अनुशरण करें तो मानवता की रक्षा सम्भव है। हमें उनके आदर्शों पर चलना चाहिए। गुरू नानक जयन्ती के उपलक्ष्य में शहर के मुख्य बाजार में स्थित गुरूद्वारे में विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया। जहां भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रशाद ग्रहण किया।
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