तावडू, 19 नवंबर (दिनेश कुमार): कार्तिक माह के आखरी दिन पूर्णिमा पर शुक्रवार को शहर व क्षेत्र के मन्दिरों में आखरी प्रभात फेरी निकाली गई। धार्मिक आस्था के चलते कार्तिक माह में पूजा अर्चना का विशे
ष महत्व दिया गया। जिसको लेकर क्षेत्रवासी सूर्योदय से पूर्व स्नान करके क्षेत्र के मन्दिरों में पंहुच पूजा अर्चना करते देखे गए। वहीं मन्दिरों से प्रभात फेरियों का दौर भी चल रहा था, जो शुक्रवार को श्रद्धापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा हवन किया गया। शहर के वार्ड नम्बर 14 में स्थित श्रीसाईं धाम मंदिर, शिव मन्दिर, सनातन धर्म मन्दिर व अम्मा जी मन्दिर तथा आनन्दपुर सतसंग आश्रम सहित अन्य मन्दिरों में पूरे कार्तिक माह में कार्तिक कथा का आयोजन किया गया और प्रभात फेरियां निकाली गई। इस दौरान श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिला। इस दौरान श्रीसाईं धाम मंदिर में सांय काल 365 दीप दान किए गए। शुक्रवार को प्रात: कार्तिक कथा के बाद मनोकामना पूर्ति हेतु कोटी (कोटा) डाली गई। श्रीसत्यनारायण व्रत कथा व मनोकामना पूर्ति के लिए हवन का आयोजन कर प्रशाद वितरित किया गया। शहर के वार्ड नंबर 14 में स्थित श्रीसाईं धाम मंदिर के पुजारी आचार्य धर्मेन्द्र ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा पर भवगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती और कार्तिकेय की पूजा करनी चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर में भगवान सत्यनारायण की कथा करने से सुख शांति की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि तुलसी माता सभी प्राणियों का कल्याण करने वाली है। कार्तिक मास में तुलसी माता की महिमा दिव्य कही गई है। क्योंकि कार्तिक मास में तुलसी माता भगवान विष्णु को शालिग्राम के रूप में प्राप्त किया था तथा पृथ्वी वासियों को विभिन्न प्रकार से कष्टों से छुटकारा दिलवाकर उनका कल्याण किया था। तुलसी माता भगवान विष्णु को परम प्रिय है। इसलिए हमें तुलसी माता की पूजा व सेवा करनी चाहिए। शहर व क्षेत्र में कार्तिक मास में तुलसी माता की पूजा अर्चना श्रद्धालुओं द्वारा श्रद्धापूर्वक की गई।
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